logo-image

बिहार चुनाव प्रचार में सभी पर भारी पड़े लालू के 'लाल'

प्रचार के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) के पुत्र और महागठबंधन के मुख्यमंत्री का 'चेहरा' तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav ) सभी नेताओं पर भारी पड़े हैं.

Updated on: 07 Nov 2020, 03:08 PM

पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020) में जीत और हार भले ही मतगणना के दिन 10 नवंबर को तय होगा, लेकिन प्रचार के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) के पुत्र और महागठबंधन के मुख्यमंत्री का 'चेहरा' तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav ) सभी नेताओं पर भारी पड़े हैं. हालांकि दोनों गठबंधनों ने इस चुनाव में जमकर चुनाव प्रचार किया. विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. इस चुनाव में हालांकि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) नहीं दिखी और नहीं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने बिहार की ओर रूख किया.

NDA से नीतीश कुमार और नित्यानंद राय ने संभाली कमान
राजग की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के स्टार प्रचारक नीतीश कुमार और भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने जमकर चुनावी सभाएं की, वहीं राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में महागठबंधन की ओर से राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रचार का मोर्चा संभाला और 247 सभाएं कर महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगें. तेजस्वी यादव ने अकेले 247 जनसभाओं को संबोधित किया और चार रोड शो किए. उन्होंने एक दिन में 19 सभाएं की. तीन चरणों में होने वाले इस विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने तो कई प्रत्याशियों के लिए उस क्षेत्र में दो-दो सभाएं की और मतदाताओं से वोट मांगें.

यह भी पढ़ेंः Bihar Election Live: सरफराज़ आलम ने किया आचार संहिता का उल्लंघन

प्रचार के पहले दिन से तेजस्वी ने संभाली कमान
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि चुनाव प्रचार अभियान के प्रारंभ से ही तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला और प्रतिदिन औसतन एक दर्जन से अधिक सभाएं की. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि तेजस्वी ने एक दिन में 19 सभाएं भी की है. इसके अलावा, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आठ सभाएं की जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 20 से अधिक रैलियां कर महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगें. इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बिहार में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ेंः J&K: कठुआ में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी, कई घरों को नुकसान

नीतीश ने कीं 160 सभाएं
इधर, राजग की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 160 से अधिक सभाएं की जिसमें से छह सभाओं में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वर्चुअल सभाएं भी की और लोगों तक अपनी बातें पहुंचाई. इस विधानसभा में पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को हुआ था. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 12 चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया. उनकी पहली सभा 23 अक्टूबर को सासाराम से प्रारंभ हुई थी, जबकि अंतिम चुनावी सभा तीन नवंबर को फारबिसगंज में हुई थी.

यह भी पढ़ेंः बिहार चुनाव में मोदी ने की वोटिंग रिकॉर्ड बनाने की अपील

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बहाया पसीना
इस चुनाव में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने खूब पसीना बहाया. नड्डा ने इस चुनाव के दौरान 22 चुनावी रैलियों को संबोधित किया और रोड शो किया तथा कई इलाकों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की. राजग ने इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनावी प्रचार में उतारा और उन्होंने भी 19 चुनावी सभाएं की. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, धर्मेन्द्र प्रधान भी प्रचार कर लोगों से वोट मांगें.

यह भी पढ़ेंः बिहार में 11 मंत्रियों सहित 1204 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा आज

जीतन राम मांझी भी नहीं रहे पीछे
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने 200 से अधिक चुनावी सभाओं और रोड शो में भाग लिया. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी इस चुनाव में खूब पसीना बहाया. राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी 24 जनसभा कर राजग के लिए वोट मांगें. बहरहाल, इस चुनाव को लेकर सभी दलों ने मतदाताओं को रिझााने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी लेकिन किन नेताओं की बातों पर मतदाता कितना विश्वास करते हैं इसका पता तो 10 नवंबर को ही चलेगा जब चुनाव परिणाम सामने आएंगे.