Patna: बिहार की राजनीति में मतदाता सूची को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब एलजेपी (रामविलास) की वैशाली से सांसद वीणा देवी पर गंभीर आरोप लगाया है. तेजस्वी का दावा है कि सांसद के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी और एपिक नंबर मौजूद हैं.
एक्स अकाउंट पर साझा किये दस्तावेज
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर दस्तावेज साझा करते हुए कहा कि वीणा देवी के नाम दो अलग-अलग एपिक नंबर दर्ज हैं – UT01134543 और GS1037894. उनका कहना है कि दोनों वोटर लिस्ट में सांसद की उम्र भी अलग-अलग दर्ज है. इससे पहले तेजस्वी ने डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, मुजफ्फरपुर की मेयर व बीजेपी नेता निर्मला देवी और उनके परिजनों पर भी इसी तरह के आरोप लगाए थे.
तेजस्वी ने लगाए ये आरोप
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि यह मतदाता सूची में गड़बड़ी और संभावित वोट घोटाले का मामला है, जिस पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. उनका कहना है कि कुछ नेताओं के नाम अलग-अलग जगहों की वोटर लिस्ट में हैं और अब तो गुजरात के लोग भी बिहार के वोटर बन रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात के रहने वाले बीजेपी नेता भीखूबाई दलसानिया का नाम पटना की वोटर लिस्ट में जुड़ गया था.
वीणा देवी का जवाब
तेजस्वी के आरोपों पर सांसद वीणा देवी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका स्थायी निवास साहिबगंज विधानसभा के पारू ब्लॉक में है और 2001 से अब तक वह वहीं से चुनाव लड़ती रही हैं. उनका कहना है कि मुजफ्फरपुर की वोटर लिस्ट में नाम कैसे आया, उन्हें इसकी जानकारी मीडिया से मिली. उन्होंने बताया कि जैसे ही यह पता चला, उन्होंने नाम हटाने के लिए फॉर्म भरकर जमा कर दिया.
वीणा देवी का कहना है कि यह बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की गलती से हुआ होगा. उन्होंने कहा, 'हमेशा पारू के पते से ही नॉमिनेशन भरा है, 2001 से 2024 तक सभी चुनाव उसी पते से लड़े हैं. विरोधी आरोप लगाते रहेंगे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.'
तेजस्वी यादव के लगातार दावों ने बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है. एनडीए खेमे के नेताओं पर इस तरह के आरोप लगने से विपक्ष को हमला बोलने का मौका मिल गया है, जबकि सत्ताधारी दल के नेता इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं.
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