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सुशील मोदी का तेजस्वी-नीतीश पर बड़ा हमला, कहा- 36 फीसद अतिपिछड़ों के लिए 'गद्दी' छोड़ें

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जातीय गणना के बाद बिहार सरकार पर निशाना साधा है.

Updated on: 03 Oct 2023, 08:02 PM

highlights

  • सुशील मोदी का तेजस्वी-नीतीश पर बड़ा हमला
  • कहा- 36 फीसद अतिपिछड़ों के लिए 'गद्दी' छोड़ें
  • जातीय सर्वे की शुद्धता-निष्पक्षता की जांच कराई जाए 

Patna:

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जातीय गणना के बाद बिहार सरकार पर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने कहा कि कई अति पिछड़ी जातियों की शिकायत आई है कि उनकी संख्या जानबूझकर कम दर्ज करायी गई, जबकि एक धर्म विशेष व जाति विशेष की संख्या को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया गया है. इसकी जांच करायी जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे में कितनी ईमानदारी बरती गई और राजनीतिक आंकड़ों के इशारे पर कितनी गड़बड़ी की गई, यह तो जांच से ही पता चलेगा. यदि जातीय सर्वे के आंकड़े सही हैं, तो सबसे बड़ी आबादी (36 फीसद ) वाले अतिपिछड़े समाज का व्यक्ति मुख्यमंत्री या डिप्टी सीएम होना चाहिए.

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- ओबीसी की संख्या कम और धर्म-जाति विशेष की आबादी ज्यादा दर्ज करायी गई 

- जातीय सर्वे की शुद्धता-निष्पक्षता की जांच करायी जाए 

- कुछ मुस्लिम जातियों को ओबीसी में दर्ज करना हकमारी की साजिश 

आगे सुशील मोदी ने कहा कि सर्वे का सम्मान करते हुए नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव को अतिपिछड़ों के लिए गद्दी छोड़नी चाहिए. लालू प्रसाद और नीतीश कुमार 33 साल से अतिपिछड़ों के वोट से राज कर रहे हैं. श्री मोदी ने कहा कि जब भाजपा को मौका मिला तो अतिपिछड़ा समाज की रेणु देवी को डिप्टी सीएम बनाया गया. इसी वर्ग के हरि सहनी को पार्टी ने विधान परिषद में  विपक्ष का नेता बनाया. उन्होंने कहा कि 14 फीसदी मुस्लिम आबादी को अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल दिखाकर हिंदू समाज के इस वर्ग की हकमारी करने की साजिश की गई है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता. सर्वे में एक धर्म विशेष की कुछ आबादी को हिंदुओं के अतिपिछड़ा वर्ग में दिखाने की भी शिकायतें मिली हैं.