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बिहार की कृषि विकास दर पंजाब से ज्यादा, यहां का किसान राजग के साथ : सुशील मोदी

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि बिहार में 45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य है और 2 लाख मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है.

Updated on: 19 Dec 2020, 08:40 AM

पटना:

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि बिहार में 45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य है और 2 लाख मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने धान खरीद को सुगम बनाने के लिए जमीन के कागज की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है और केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपये की वृद्घि कर इसे 1868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.

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गया जिले के वजीरगंज में भाजपा किसान जागरुकता अभियान को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी ताकत न एमएसपी खत्म कर सकती है, न कोई कॉरपोरेट घराना किसान की जमीन पर कब्जा कर सकता है. उन्होंने कहा कि जो पार्टियां लोकसभा और विधानसभा से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव में भाजपा को पराजित नहीं कर पातीं, वे सब मिल कर नये कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने में लगी हैं.

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पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा, "बिहार में राजग सरकार ने 2006 में ही कृषि बाजार समिति कानून को खत्म कर किसानों को मंडी और बिचौलियों की जकड़न से आजादी दिलायी. बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसने किसानों को मंडी से मुक्ति दिला कर कहीं भी फसल बेचने के लिए बड़ा बाजार दिया."

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उन्होंने आगे कहा, "हमने 2008 में कृषि रोड मैप लागू किया, जिससे देश में बिहार सब्जी उत्पादन में चौथे और फल उत्पादन में आठवें स्थान पर पहुंच गया. किसान हितैषी नीतियों के कारण 2005 और 2015 के बीच जहां बिहार की कृषि विकास दर 4़5 फीसदी रही, वहीं इस अवधि में पंजाब की कृषि विकास दर मात्र 1़6 फीसदी रही." उन्होंने कहा कि बिहार के किसान राजग की नीति और नीयत पर भरोसा रखते हैं, इसलिए वे कृषि कानून के मुद्दे पर विपक्ष के बहकावे में नहीं आए. बिहार में उनका भारत बंद इसीलिए विफल रहा.