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लोकसभा चुनाव

सुशील मोदी की लालू यादव को खुली चुनौती, अपनी बात साबित करो मैं राज्यसभा से इस्तीफा दे दूंगा!

 सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गोयबल्स के चेले लालू प्रसाद झूठ बोलने में वर्ल्ड चैम्पियन हैं, इसलिए वे बिना प्रमाण के कुछ भी बोल सकते हैं.

Updated on: 26 Feb 2023, 06:44 PM

highlights

  • सुशील मोदी ने लालू यादव पर बोला हमला
  • लालू यादव पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
  • लालू यादव को बताया गरीबों के आरक्षण का विरोधी

Patna:

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से आरेजेडी चीफ लालू यादव पर करारा हमला बोला है. उन्होंने लालू यादव पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि अगर लालू यादव द्वारा गोलवलकर की किताब में दलित विरोधी बाते लिखने का जो दावा किया गया है अगर वह सही है तो मैं अपने राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दूंगा.  सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गोयबल्स के चेले लालू प्रसाद झूठ बोलने में वर्ल्ड चैम्पियन हैं, इसलिए वे बिना प्रमाण के कुछ भी बोल सकते हैं.

झूठ बोल रहे हैं लालू यादव

सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक और मनीषी विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर की पुस्तक  "बंच ऑफ थॉट्स" में दलितों और उनके काशी विश्वनाथ मंदिर प्रवेश के विरुद्ध कोई बात नहीं कही गई है. लालू प्रसाद ने  विद्वेष फैलाकर हिंदू समाज को बाँटने के लिए झूठी बात कही. 

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..राज्यसभा से दे दूंगा इस्तीफा!

उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद अपना आरोप साबित कर दें, तो मैं राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दूँगा. सुशील मोदी ने कहा कि नरेंद्र भाई मोदी के पीएम रहते कभी आरक्षण व्यवस्था समाप्त नहीं हो सकती. लालू प्रसाद इस मुद्दे पर भी 2015 से लगातार झूठ बोल रहे हैं. 

गरीबों के आरक्षण का विरोध करते हैं लालू

सुशील मोदी ने आगे कहा कि  वे आज भी महिला आरक्षण और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं.  उन्होंने कहा कि जनता लालू प्रसाद का आरक्षण-विरोधी चेहरा देख चुकी है, इसलिए 2019 के संसदीय चुनाव में राजद का सूपड़ा साफ हो गया था.

मंडल-कमंडल दोनों बीजेपी के साथ

सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी को पिछड़ों का अपार समर्थन मिल रहा है और हमारे सबसे ज्यादा सांसद इसी वर्ग से हैं. कहा कि आज मंडल और कमंडल , दोनों बीजेपी के साथ हैं. इस व्यापक जनाधार से हताश राजद कभी अपने कोटे के मंत्री से श्रीरामचरित मानस की निंदा करा कर और कभी मंदिर प्रवेश का फर्जी मुद्दा उठाकर दलित कार्ड  खेलने की कोशिश करता है.पूर्णिया रैली भी हताशा से उबरने की नाकाम कोशिश थी.