अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध करने पर सुशील मोदी ने विपक्ष को जमकर घेरा
बिहार में इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार का बिगुल अगले सप्ताह फूंकने की तैयारी कर ली है.
पटना:
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे. शाह 7 जून को वीडियो कांफ्रेंस और फेसबुक लाइव के माध्यम होने वाली वर्चुअल रैली करने वाले हैं, लेकिन उनकी इस रैली को लेकर बिहार में राजनीति माहौल गरमाया हुआ है. कांग्रेस और राजद समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं तो उधर बीजेपी भी विरोधियों को करारा जवाब दे रही है. इसी कड़ी में बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शाह की वर्चुअल रैली का विरोध करने पर बुधवार को विपक्ष को घेरा.
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सुशील मोदी ने वामपंथी दलों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि गरीबों का नाम लेकर सत्ता हथियाने वाले राजद को हमेशा बिहार में उन वामपंथी दलों का साथ मिला, जिनकी राजनीति मजदूरों को गुमराह करने और मजदूर को मालिक-उद्यमी या कारखानेदार बनने से रोकने के षड्यंत्र पर चलती रही. बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा, 'गृहमंत्री अमित शाह गरीबों के लिए किए गए कार्य और मोदी सरकार-2 के एक साल की उपलब्धियों पर अगर वर्चुअल रैली के जरिये बिहार के लोगों से बात करना चाहते हैं, तो इसका विरोध क्यों किया जा रहा है? क्या देश के गृहमंत्री का जनता से संवाद करना अलोकतांत्रिक है? क्या वर्चुअल माध्यम का विरोध उचित है, जो अब न्यू नॉर्मल बनता जा रहा है?'
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मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'बिहार में जब दलितों-मजदूरों के नरसंहार हो रहे थे, मिल-कारखाने बंद होने से बेरोजगारी बढ़ रही थी, सरकार घोटालों में डूबी थी, स्कूल की जगह चरवाहा विद्यालय खुल रहे थे और मजदूर सामूहिक पलायन को विवश हो रहे थे, तब लाल झंडे वाले कम्युनिस्ट आंखें मूंदकर लालू प्रसाद का समर्थन कर रहे थे. लालूराज के गुनाह का साथ देने के चलते जिन वामपंथियों की सियासी जमीन खिसक गई, वे आज भी राजद के साथ डफली बजा रहे हैं. भाजपा की वर्चुअल रैली का विरोध कर विपक्ष अपनी हताशा प्रकट रहा है. विपक्ष को यही नहीं पता कि वे थाली क्यों पीटना चाहते हैं.' बीजेपी नेता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मिलकर युद्धस्तर पर मजदूरों-गरीबों के लिए काम किए.
गरीबों का नाम लेकर सत्ता हथियाने वाले राजद को हमेशा बिहार में उन वामपंथी दलों का साथ मिला, जिनकी राजनीति मजदूरों को गुमराह करने और मजदूर को मालिक-उद्यमी या कारखानेदार बनने से रोकने के षड्यंत्र पर चलती रही।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 3, 2020
बिहार में जब दलितों-मजदूरों के नरसंहार हो रहे थे, मिल-कारखाने बंद...... pic.twitter.com/nGCYNUKmZM
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बता दें कि इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी प्रचार का बिुगुल फूंकने की पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह 7 जून से प्रचार की शुरूआत करेंगे. शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में राजद 'गरीब अधिकार दिवस' और वामदल 'विश्वासघात-धिक्कार दिवस' मनाएगा.
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