कोविड-19 को लेकर फैला अंधविश्वास, बिहार के गांवों में हो रही कोरोना माई की पूजा

बिहार में कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. लोगों में इस घातक वायरस का डर असर कदर बैठ गया है कि वह अंधविश्वास के शिकार होने लगे हैं.

बिहार में कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. लोगों में इस घातक वायरस का डर असर कदर बैठ गया है कि वह अंधविश्वास के शिकार होने लगे हैं.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Bihar corona mai

अंधविश्वास : बिहार के गांवों में हो रही कोरोना माई की पूजा( Photo Credit : News State)

बिहार (Bihar) में कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. लोगों में इस घातक वायरस का डर असर कदर बैठ गया है कि वह अंधविश्वास के शिकार होने लगे हैं. खौफ में अब बिहार में कोरोना माई की पूजा होने लगी है. एक रीति रिवाज भी तय किया गया है. दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में पूजा का ये दौर चल रहा है. कोरोना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जो अंधविश्वास फैला है, वो किसी बड़ी मुसीबत का मार्ग प्रशस्त कर रहा. कोरोना जैसे वैश्विक महामारी जिसे पूरी दुनिया चीन के वुहान से निकला एक जैविक हथियार मान रही है, वही सीवान के मैरवा प्रखंड के मैरवा धाम, बड़गांव पंचायत की महिलाएं इसे कोरोना माई समझ रही हैं. बुधवार को ग्रामीण महिलाएं घर से लोंग, इलाइची, लड्डू और फूल लेकर मैरवा धाम के झरही नदी के तट पर पहुंची और कोरोना वायरस (coronavirus) भगाने को लेकर मंगल गीत भी गए. पूजा अर्चना कर सिंदूर रोली से कोरोना माई की पूजा भी हो रही है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: 15 जून से बिहार में बंद होंगे क्वारंटीन सेंटर, पृथक-वास में रखने के लिए पंजीकरण पर लगी रोक

हालांकि पूजा कर रही महिलाओं से जब यह पूछा गया कि आखिर कैसे आप लोगों को लगा कि यह कोरोना माई है तो महिलाओं ने बताया कि चारों तरफ यह बात फैल रही है कि कोरोना वायरस नहीं कोरोना माई हैं. उनकी पूजा अर्चना करना जरूरी है. पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है. महिलाओं ने पूजन सामग्री में 9 लवंग, 9 अढ़ऊल पुष्प, 9 लड्डू, एक सौ ग्राम मीठा का छाक पूजा विधि तथा स्थल के रूप में (परती) जहां खेती नहीं होता है.

महिलाओं ने बताया कि परति खेत जहां खेती नहीं होता है, वहां छोटा सा गड्ढा खोद देना है- उसमें 09 लवंग- 09 लड्डू- 09 अढ़ऊल पुष्प, उस गड्ढे में रख देना है और आधा मीठा का छाक गुण वाला डाल देना है और पुनः मिट्टी से ढक कर 09 जगह सिंदूर का टीका करके और बचे हुए छाक को चढ़ा देना है. बस इतना ही कर देने से कोरोना माई खुश हो जाएगी और पूरा दुनिया पूर्णा रूप से बच जाएगा. हम लोग पूर्णा से मुक्त हो जाएंगे. कोरोना से मुक्ति मिले. अतः हम लोग भी पूजा कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: अमित शाह की बिहार में 9 जून की बजाय 7 जून को होगी वर्चुअल रैली, विरोध के लिए RJD ने भी बदला कार्यक्रम

सच्चाई यह है कि सोशल मीडिया पर एक महिला बता रही है कि खेतों में दो महिलाएं गई हुई थी. जहां एक गाय घास चर रही थी. अचानक गाय गायब लुप्त हो गई. महिला घबरा गई और गाय ने एक कन्या का रूप धारण करके कहा कि मैं कोरोना माई हूं, हमें पूजा दो, मैं चली जाऊंगी. नहीं तो सबके लिए खतरा साबित हो जाऊंगी. यह बताने वाली महिला की बातों में आकर जिसने इस महिला का वीडियो देखा अंधविश्वास के चक्कर में पढ़ कर पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दिया. अंधविश्वास इस कदर इन महिलाओं पर हावी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं पूजा कर देने से कोरोना खत्म हो जाएगा. यह इन्हें कौन समझाए. यह अंधविश्वास कहीं आफत का सबब न बन जाए पढ़े-लिखे लोग इन महिलाओं के अंधविश्वास से सदमे में हैं.

इस पूरे अन्धविश्वास पर हमारे संवाददाता रजनीश सिन्हा ने बिहार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार से भी बात की. उन्होने कहा कि अपवाद हो सकता है. कुछ ग्रामीण इलाकों में महिला ऐसा कर रही हों, मगर बिहार में अगर ऐसी स्थिति होती तो इतने लोग इलाज नहीं करा रहे होते, ऐसी बीमारी से मज़ाक गलत है.

यह वीडियो देखें: 

Bihar siwan Bihar Corona Virus
Advertisment