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बिना बिजली के तकनीकी पढ़ाई कर रहे छात्र, मुख्यमंत्री ने खुद किया था कॉलेज का उद्घाटन

120 छात्र विभिन्न फैकल्टी में नामांकित हैं और उनका क्लास भी चलना शुरू हो गया है. जबकि कॉलेज में ना तो अब तक बिजली लगी है और ना ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. इतना ही नहीं क्लास से लेकर परिसर तक की सफाई तक नहीं हो पाती है.

Updated on: 26 Feb 2023, 11:06 AM

highlights

  • आईटीआई कॉलेज में छात्रों को नहीं मिल पा रही मूलभूत सुविधाएं 
  •  मुख्यमंत्री नीतीश ने किया था आईटीआई कॉलेज का उद्घाटन 
  • 18 करोड़ रुपय की लागत से बना था आईटीआई कॉलेज

Araria:

बिहार में भव्य बिल्डिंग तो खड़ी कर दी जाती है मगर जब सुविधा देने की बारी आती है तो उसमें फेल हो जाती है. अररिया के रानीगंज का आईटीआई कॉलेज भी कुछ ऐसा ही है. जो ऊंची दुकान और फीकी पकवान वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. साढ़े 18 करोड़ रुपय  से भी अधिक की लागत से भव्य मकान में छात्रों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. 120 नामांकित छात्रों को बिजली, पानी के अभाव में इलेक्ट्रानिक मैकेनिक,डीजल मैकेनिक,वेल्डर,आईसीटी एसएम जैसी तकनीकी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री नीतीश ने किया था उद्घाटन

अररिया के रानीगंज का आईटीआई कॉलेज का भवन 18 करोड़ 69 लाख 70 हजार रुपय की लागत से बना है. जिसका उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं तत्कालीन श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने 5 मई 2022 को रिमोट सेंसिंग सिस्टम से किया था. जबकि स्थानीय जदयू विधायक अचमीत ऋषिदेव ने मौके पर फीता काट और नारियल फोड़ कर उद्घाटन किया था. मकान बनने के साथ ही कॉलेज में सत्र की शुरुआत भी हो गई थी. अभी 120 छात्र विभिन्न फैकल्टी में नामांकित हैं और उनका क्लास भी चलना शुरू हो गया है. जबकि कॉलेज में ना तो अब तक बिजली लगी है और ना ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. इतना ही नहीं क्लास से लेकर परिसर तक की सफाई तक नहीं हो पाती है.

बिना बिजली के तकनीकी शिक्षा कैसी मिलेगी 

बिना बिजली के तकनीकी शिक्षा कैसी हो रही होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है. जबकि प्रेक्टिकल क्लास के लिए बिजली का होना बेहद ही जरूरी है. बताया जा रहा है कि जब भवन का निर्माण हो रहा था तो यहां बिजली की सुविधाएं थी, लेकिन विभाग को मकान सुपुर्द करने के साथ ही संवेदक के द्वारा बिजली कटवा दिया गया और तब से अब तक बिजली लगी ही नहीं और बिना बिजली के ही पढ़ाई शुरू कर दी गई.

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लोगों की उम्मीद पर फिरा पानी 

रानीगंज जैस इलाकों में आईटीआई कॉलेज के खुलने से लोगों की उम्मीदें तकनीकी शिक्षा को लेकर काफी जागृत हुई थी और वे कयास लगा रहे थे कि उनके बच्चों को तकनीकी ज्ञान के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही क्षेत्र का सर्वागिण विकास भी संभव होगा, लेकिन उद्घाटन के कुछ महिने बाद ही कॉलेज की दुर्दशा ने ग्रामीणों के अरमान पर पानी फेर दिया है. बता दें कि कॉलेज आने जाने के लिए रास्ते को भी सही नहीं किया गया है. जिससे छात्र और शिक्षक को आने में काफी कठिनाई होती है.