Bihar Weather: कहीं नदी में बह रहे हैं घर, तो कहीं पानी के लिए तरस रहें किसान
बिहार में इस बार मौसम की मार ऐसी पड़ी कि कई जिलों ने जलसमाधि ले ली है. वहीं, कई जिले सुखाड़ की चपेट में आ गए हैं.
highlights
- कहीं सूखा कहीं बाढ़... बेहाल बा बिहार
- आशियानों को निगल रही उफनती नदियां
- सुखाड़ से परेशान किसान... खेतों में दरार
Patna:
बिहार में इस बार मौसम की मार ऐसी पड़ी कि कई जिलों ने जलसमाधि ले ली है. वहीं, कई जिले सुखाड़ की चपेट में आ गए हैं. सबसे पहले बात बाढ़ प्रभावित जिलों की तो पूर्णिया में बाढ़ की विभीषिका कई गांव झेल रहे हैं. जिले के बायसी विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों बाढ़ ने तबाही मचाई, जिससे कई गांवों का संपर्क आपस में टूट गया है. लोगों का आवा-गमन ठप है. वहीं, बाढ़ से परेशान ग्रामीणों ने बायसी विधायक को इसकी जनकारी दी और जर्जर सड़क को जल्द ठीक करने मांग रखी. जिसके बाद RJD विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने बैठक कर क्षेत्र में बाढ़ से कटी सड़कों के निर्माण की बात कही.
भागलपुर में कोसी का कहर
भारी बारिश के बाद भागलपुर जिले में कोसी नदी कहर बरपा रही है. कोसी के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों के आशियाने उजड़ने लगे हैं. नवगछिया अनुमंडल के खरीक प्रखंड अंतर्गत मैरचा गांव में कटाव भी देखने को मिल रहा है. कई लोगों ने तो अपने घरों को भी तोड़ना शुरू कर दिया है. अब आप सोच रहे होंगे कि लोग अपने घरों को क्यों तोड़ रहे हैं? ये लोग घरों की ईंटों को बचाने के लिए अपने घरों को तोड़ रहे हैं, जिससे उन ईंटों को वापस से इस्तेमाल किया जा सके.
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बारिश के लिए दुआ कर रहे लोग
बिहार में एक तरफ बाढ़ है तो दूसरी तरफ सुखाड़. मोतिहारी में बारिश ना होने से किसानों के खेतों में दरारें पड़ गई हैं. मौसम की मार के आगे अन्नदाता लाचार हो गए हैं और आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश की उम्मीद कर रहे हैं. जिले में सुखाड़ का असर सबसे ज्यादा किसानों पर हुआ है. आलम ये है कि अब लोग नमाज पढ़ भगवान से बारिश की दुआ कर रहे हैं. आपको बता दें कि जिले के 27 प्रखंडों में हालात यही है. जहां बारिश के लिए हाहाकार मचा हुआ है. किसान पम्पसेट से अपने खेतों में पानी पटा रहे हैं. बावजूद खेतों में रोपाई नहीं हो पा रही है.
किसानों को नहीं मिल रहा रोपाई के लिए पानी
वहीं, मामले में जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि इस बार सामान्य से कम बारिश होने के चलते ऐसे हालात हो गए हैं. जहां किसानों को धान की रोपाई के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है. सुखाड़ से बदहाल तो सीतामढ़ी भी है. जहां बारिश ना होने से कई गावों पर पीने के पानी का संकट छाने लगा है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो गए हैं. मौसम की बेवफाई के चलते वॉटर लेवल भी नीचे चला गया है. अब शासन प्रशासन से लोगों को मदद मिल नहीं रही तो परेशान ग्रामीण अल्लाह की शरण में जा रहे हैं और पेयजल संकट से निजात पाने के लिए अल्लाह की इबादत कर रहे हैं.
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