आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, 27 फरवरी को आएगा आखिरी फैसला

बिहार के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के हत्यारोपी आनंद मोहन को जेल से रिहाई तो मिल चुकी है, लेकिन एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है.

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Vineeta Kumari
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आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिहार के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के हत्यारोपी आनंद मोहन को जेल से रिहाई तो मिल चुकी है, लेकिन एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है. हाई कोर्ट से रिहाई के बाद आनंद मोहन पर सुप्रीम कोर्ट की गाज गिरी है. बता दें कि जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी विश्वनाथ की बेंच ने आनंद मोहन की रिहाई याचिका के खिलाफ सुनवाई की. इस दौरान याचिकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट सिद्धांत लूथरा मौजूद थे. आनंद मोहन की तरफ से वरीय अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी बहस कर रहे थे और राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट रंजीत कुमार थे.

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आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका

सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि तत्काल प्रभाव से आनंद मोहन का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्थानीय पुलिस के पास 15 दिन तक आनंद मोहन को हाजिरी लगाने का भी आदेश दिया. इसके साथ ही बेंच ने मामले में केंद्र सरकार पर भी नाराजगी जाहिर की क्योंकि याचिका ने केंद्र सरकार को भी मामले में प्रतिवादी बनाया था. बावजूद इसके केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था. वहीं, केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए हफ्तेभर का समय दिया गया है. 

केंद्र और राज्य सरकार को लगाई फटकार

बता दें कि 27 फरवरी को इस मामले में आखिरी सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि इतने गंभीर मामले को आगे टाला नहीं जा सकता है और आखिरी तारीख पर फैसला सुना दिया जाएगा. आपको बता दें कि 23 अप्रैल, 2023 को बिहार सरकार ने जेल में बंद आनंद मोहन को रिहा कर दिया था और इससे पहले राज्य सरकार ने उम्र कैद की सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई के लिए बने नियमों में भी बदलाव किया था. इससे पहले यह प्रावधान था कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की हत्यारोपियों को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा. वहीं, इस नियम को खत्म कर और आनंद मोहन के अच्छे आचरण का हवाला देते हुए बिहार सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया था.

HIGHLIGHTS

  • आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका
  • 27 फरवरी को आएगा आखिरी फैसला
  • केंद्र और राज्य सरकार को लगाई फटकार

Source : News State Bihar Jharkhand

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