Strong Room Explainer: आखिर क्या होता है स्ट्रॉन्ग रूम जिसपर तेजस्वी ने उठाए सवाल? ऐसी होती है सुरक्षा व्यवस्था

Strong Room Explainer: मतदान केंद्रों से ईवीएम मशीनों को भारी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के बीच स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचाया जाता है. इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं.

Strong Room Explainer: मतदान केंद्रों से ईवीएम मशीनों को भारी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के बीच स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचाया जाता है. इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Bihar Strong room Explainer

Bihar Strong room Explainer Photograph: (NN)

Strong Room Explainer: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में सभी ईवीएम मशीनों को 6 नवंबर की शाम कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया. इसी तरह, 11 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग के बाद भी मशीनों को सुरक्षित रूप से स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाएगा. मतगणना के दिन तय समय पर इन मशीनों को अधिकारियों की मौजूदगी में खोला जाता है और गिनती शुरू होती है. तब तक ईवीएम की चौकसी बेहद सख्त रहती है ताकि किसी तरह की छेड़छाड़ न हो सके.

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स्ट्रॉन्ग रूम क्या होता है

स्ट्रॉन्ग रूम एक विशेष रूप से सुरक्षित कमरा होता है जहां मतदान के बाद ईवीएम मशीनों को रखा जाता है. यह हमेशा किसी सरकारी इमारत, जैसे कॉलेज या प्रशासनिक परिसर, में बनाया जाता है. कमरे में आम तौर पर केवल एक दरवाजा होता है और यदि कोई खिड़की है तो उसे पूरी तरह सील कर दिया जाता है. मतदान केंद्रों से ईवीएम मशीनों को भारी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के बीच स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुँचाया जाता है. इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं.

सुरक्षा व्यवस्था कैसी होती है?

स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा चार स्तरों में की जाती है. सबसे अंदरूनी दो परतों की निगरानी अर्धसैनिक बल करते हैं. उसके बाहर जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस तैनात रहती है. राजनीतिक दलों के एजेंट भी स्ट्रॉन्ग रूम के पास 24 घंटे निगरानी केंद्र बनाकर रखवाली कर सकते हैं. इसके अलावा, पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं जिनका लाइव फीड राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी दिखाया जाता है.

शिकायत और जांच की प्रक्रिया

मतगणना से पहले स्ट्रॉन्ग रूम नहीं खोला जाता. यदि किसी दल को संदेह हो और वह सबूतों के साथ शिकायत करता है, तो सभी दलों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में जांच की जाती है. जांच पूरी होने पर कमरे को दोबारा सील कर दिया जाता है.

सारण वीडियो विवाद

सारण जिले में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि स्ट्रॉन्ग रूम के सीसीटीवी कैमरे कुछ समय के लिए बंद हो गए थे. जांच में पता चला कि कैमरे सक्रिय थे; केवल कंट्रोल रूम में लगा टीवी मॉनिटर तकनीकी वजह से दो मिनट के लिए बंद हुआ था, जिसे तुरंत ठीक कर दिया गया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ईवीएम की सुरक्षा में कोई सेंध नहीं लगी थी, बल्कि यह केवल मॉनिटरिंग सिस्टम की अस्थायी खराबी थी.

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