सीएम नीतीश कुमार के गृह जनपद नालंदा से एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया गया है जो फर्जी नाम से यहां रह रहा था. नागरिक मूल रूप से रूस का रहनेवाला है और वह बीते तीन साल से बिना वीजा के भारत में रह रहा था. इतना ही नहीं उसने अपना नाम भी बदल लिया था और भारत का आधार कार्ड भी बनवा लिया था. पुलिस ने रूसी नागरिक के पास से फर्जी आधार कार्ड और उसका समाप्त हो चुका वीजा भी बरामद किया है. वह 2020 में टूरिस्ट वीजा पर आया था और फिर अपने देश रूस वापस नहीं गया. रूसी नागरिक की पहचान अलेकजेंडर उर्फ आलोक बाबा के रूप में हुई है. उसे नालंदा में बने एक मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया है.
रूसी नागरिक के पास से बरामद किए गए वीजा पर 2020 की जगह ओवर राइट कर उसे 2023 बना दिया गया था. जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से एक आधार कार्ड भी मिला जिसपर पश्चिम बंगाल का पता लिखा हुआ था. मामले का खुलासा तब हुए जब वह 3 जुलाई को नालंदा के महाविहार में बने एक मेडिटेशन सेंटर पर ट्रेनिंग लेने के लिए आया हुआ था.
संस्थान द्वारा शख्स से पासपोर्ट, वीजा व अन्य चीजें मांगी गई तो उसने सभी की फोटोकॉपी दी. जांच में उसका वीजा 2020 में ही खत्म पाया गया. संस्थान द्वारा मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और रूसी नागरिक को गिरफ्तार कर अपने साथ थाने ले आई. पुलिस के समक्ष पूछताछ में रूसी नागरिक अलखजेडर ने इस बात को स्वीकार किया कि वह वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और वह यहां फंस गया और पश्चिम बंगाल में रहने लगा. उसने अपना नाम बदलकर आलोक बाबा रख लिया और फर्जी तरीके से आधार कार्ड भी बनवा लिया. पुलिस रूसी नागरिक से पूछताछ कर रही है.
HIGHLIGHTS
- 2020 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था रूसी नागरिक
- कोरोना के बाद लॉकडाउन लगने की वजह से यहां रह गया
- पश्चिम बंगाल से बनवाया था अपना आधार कार्ड
- नालंदा पुलिस कर रही रूसी नागरिक से पूछताछ
Source : News State Bihar Jharkhand