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CM Nitish Kumar Photograph: (social)
Bihar News: बिहार सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के माध्यम से राज्य की महिलाएं अब खुद का रोजगार शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी. इस योजना को लेकर गांव-गांव में उत्साह देखा जा रहा है.
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मकसद महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. इससे न केवल महिलाओं की आय बढ़ेगी, बल्कि वे समाज में आत्मनिर्भर और सशक्त बनेंगी. सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो पलायन जैसी समस्या भी काफी हद तक खत्म हो जाएगी.
कैसे मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त में 10 हजार रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाएंगे. आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सितंबर से राशि का हस्तांतरण किया जाएगा. खास बात यह है कि रोजगार शुरू होने के छह माह बाद उनके काम का मूल्यांकन किया जाएगा. अगर उनका व्यवसाय सही ढंग से आगे बढ़ता है, तो उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी.
बाजार की भी मिलेगी सुविधा
महिलाओं के बनाए गए उत्पादों की बिक्री में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने हाट-बाजार और विपणन केंद्र विकसित करने की योजना बनाई है. ये बाजार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में होंगे, ताकि महिला उद्यमियों को अपने सामान बेचने के लिए स्थायी मंच मिल सके.
महिलाओं की प्रतिक्रिया
डेहरी प्रखंड की महिलाएं इस योजना को आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम मान रही हैं. उनका कहना है कि अब उन्हें रोजगार के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. पलायन की मजबूरी भी धीरे-धीरे खत्म होगी और गांव में ही रोजगार के अवसर मिल सकेंगे.
विशेषज्ञों की है ये राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगी. इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. महिलाओं का स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार शुरू करना पलायन की समस्या को कम करेगा और रोजगार के नए रास्ते खोलेगा.
बिहार सरकार की यह योजना ग्रामीण महिलाओं को नई दिशा देने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने का काम करेगी. अगर यह योजना जमीन पर सफलतापूर्वक लागू होती है, तो आने वाले समय में बिहार आत्मनिर्भरता के नए मॉडल के रूप में सामने आ सकता है.
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