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RJD की अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समाज को साधने की कोशिश, दो नए चेहरे पर लगी मुहर

बिहार एमएलसी चुनाव को लेकर एनडीए व महागठबंधन की ओर से नामांकन किया जा रहा है. महागठबंधन की सरकार ने 5 प्रत्याशियों के नाम पर महुर लगा दी है.

Updated on: 08 Mar 2024, 04:36 PM

highlights

  • आरजेडी ने विधान परिषद उम्मीदवारों की घोषणा
  • दो नए चेहरे चुनाव के लिए आए सामने
  • अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समाज को साधने की कोशिश

Patna:

बिहार एमएलसी चुनाव को लेकर एनडीए व महागठबंधन की ओर से नामांकन किया जा रहा है. महागठबंधन की सरकार ने 5 प्रत्याशियों के नाम पर महुर लगा दी है. बता दें कि नामांकन की आखिरी तारीख 11 मार्च है. वहीं, 12 मार्च को नामांकन की जांच की जाएगी. 14 मार्च को नामांकन वापस लिया जा सकता है. जिसके बाद 21 मार्च को चुनाव होगा, चुनाव का परिणाम शाम तक आ जाएगा. आपको बता दें कि जेडीयू के बाद आरजेडी ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. आरजेडी की तरफ से बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पार्टी प्रदेश प्रवक्ता सह महिला राजद की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उर्मिला ठाकुर, पूर्व मंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी, शिवहर संसदीय क्षेत्र के पूर्व उम्मीदवार फैसल अली के नाम पर मुहर लगी है. इन नामों में दो नामों ने सभी को चौंका कर रख दिया है. आरजेडी ने दो नए नाम की घोषणा की है. जिसमें डॉ. उर्मिला ठाकुर और फैसल अली का नाम शामिल है. 

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आरजेडी ने दो नए चेहरे को दिया मौका

जानाकरों की मानें तो आरजेडी ने इन नामों के साथ जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है. बता दें कि जेडीयू ने राबड़ी देवी और अब्दुल बारी सिद्दीकी के अलावे दो नए नामों की घोषणा की है. बता दें कि उर्मिला ठाकुर बेगूसराय की रहने वाली हैं और आरजेडी की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. उर्मिला ठाकुर अति पिछड़ा समाज से आती हैं. जातीय गणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 36 फीसदी अति पिछड़ों की आबादी है. ऐसा माना जा रहा है कि अति पिछड़ा वोट बैंक को लुभाने के लिए आरजेडी ने उर्मिला ठाकुर को विधान परिषद का प्रत्याशी बनाया है.

अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समाज को साधने की कोशिश

वहीं, अल्पसंख्यक समाज से फैसल अली को टिकट दिया गया है. फैसल अली 2019 लोकसभा चुनाव में शिवहर से आरजेडी की टिकट पर अपना भाग्य आजमा चुके हैं. अलग बात है कि फैसल अली को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को 40 में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल हुई थी और अन्य 39 सीटों पर एनडीए ने अपना कब्जा जमाया था.