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बिहार चुनाव में राजद के 'आत्मनिर्भर' बनने की इच्छा!

राजद पिछले विधानसभा चुनाव वाली गलती दोहराने के मूड में नहीं है कि गठबंधन में शामिल किसी एक दल के समर्थन वापस लेने से वे सरकार से ही बाहर हो जाए.

Updated on: 28 Aug 2020, 02:08 PM

पटना:

बिहार (Bihar) में विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच नाराजगी के बाद प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनत दल (RJD) इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में कम से कम 150 से 160 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर 'आत्मनिर्भर' बनने की इच्छा रखती है. राजद को अपने बलबूते सरकार बनाने की चाह है. राजद के एक नेता ने दावा करते हुए कहा कि राजद पिछले विधानसभा चुनाव वाली गलती दोहराने के मूड में नहीं है कि गठबंधन में शामिल किसी एक दल के समर्थन वापस लेने से वे सरकार से ही बाहर हो जाए.

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फिर MY पर करेंगे भरोसा
राजद का मानना है कि इस चुनाव में भी पार्टी अपने पुराने वोटबैंक एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के जरिए बहुमत के करीब पहुंचना चाहती है. यही काराण है कि राजद अपने इस मजबूत आधार को फिर से साधने की कोशिश करेगी. सूत्रों का दावा है कि टिकट वितरण में भी इस समीकरण का खास ख्याल भी रखा जाएगा. सूत्र बताते हैं कि राजद इस चुनाव में कुल 243 सीटों में से 150 से 160 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाह रही है.

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पिछला अनुभव
उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में राजद ने 101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जबकि उसकी सहयोगी जदयू 101 और कांग्रेस को 41 सीटों पर चुनाव लड़े थे. चुनाव के बाद राजद 80 सीटों पर जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि जदयू को 71 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. इसके बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे और उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदाराी राजद के नेता तेजस्वी यादव को मिली थी.

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जदयू से दोस्ती टूटने से सदमा
इसके बाद 2017 में जदयू और राजद की दोस्ती बिखर गई और जदयू गठबंधन से बाहर निकल गया, जिससे राजद-कांग्रेस की भगीदारी वाली सरकार गिर गई. इसके बाद जदयू ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली. सूत्रों का कहना है कि राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) वाले महागठबंधन में कांग्रेस दूसरी सबसे पार्टी होगी. कांग्रेस फिलहाल 80 सीटों पर अपना दावा पेश कर रही है. महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा गठबंधन से बाहर निकल गई है.

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किसी के आने-जाने से बेपरवाह
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी हालांकि कहते हैं कि अभी सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहीं कोई मतभेद नहीं है. पार्टी के सभी नेता बैठकर इसे तय कर लेंगे. राजद के एक अन्य नेता कहते हैं कि राजद का अपना वोट बैंक है और फिलहराल राजद सबसे बडी पार्टी है. पार्टी का मानना है कि जीतन राम मांझी और चंद्रिका राय के नीतीश कुमार से हाथ मिलाने से भी उन्हें फर्क पड़ने वाला नहीं.