कृषि कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं तो इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है. तमाम राजनीतिक दल अपने अपने हितों को साधने में लगे हैं. किसानों को समर्थन देते हुए विपक्षी दल सरकार पर भी हमलावर हैं. इसी कड़ी में बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल आज किसानों के समर्थन में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
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राजद की राज्य इकाई के प्रमुख जगदानंद सिंह ने बताया कि गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना आयोजित किया जाएगा, जिनके दृष्टिकोण प्रस्तावित कानून के कारण खतरे में है. उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद कृषि क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को छूट देना है.
वहीं बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संवाददाता सम्मेलन में राज्य भर के किसानों से जारी आंदोलन को समर्थन देने की अपील की और दावा किया कि नीतीश कुमार सरकार द्वारा एक दशक से अधिक समय पहले एपीएमसी मंडियों को समाप्त करने और खरीद के लिए पीएसीएस (प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटी) को अधिकृत करने से बिहार का कृषि क्षेत्र पहले से दबाव में है.
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तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह समझने की जरूरत है कि राज्य की सरकार किसानों के हितों का घोर उल्लंघन कर रही है। नयी व्यवस्था ने उन्हें स्पष्ट रूप से समस्याओं में डाल दिया है। और मुख्यमंत्री की पार्टी ने संसद में विवादास्पद विधेयक का समर्थन कर अपनी प्राथमिकताएं दर्शाई हैं. उन्होंने अपने धुर विरोधी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की भी आंदोलनरत किसानों की मंशा पर सवाल उठाने के लिए आलोचना की.