RJD ने फिर चली आरक्षण की चाल, नीतीश कुमार और बीजेपी पर लगाया ये आरोप
आरजेडी ने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा बड़ी चालाकी से आरक्षण समाप्त कर रहे है. मोदी सरकार रेलवे, बैंक और एलआईसी जैसे प्रतिष्ठान जहाँ सबसे अधिक सरकारी नौकरियां है उन्हें प्राईवेट हाथों में सौंप आपका हक छिन रही है.
पटना:
बिहार में न तो चुनाव है और न विधानसभा का सेशन चल रहा है. फिर भी सियासी तापमान का पारा चढ़ा हुआ है. इसकी वजह है कि बिहार में एक बार फिर आरणक्ष की बात. दरअसल, आरजेडी ने एक बार फिर आरणक्ष को लेकर सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी पर हमला बोला है. आरजेडी ने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा बड़ी चालाकी से आरक्षण समाप्त कर रहे है. मोदी सरकार रेलवे, बैंक और एलआईसी जैसे प्रतिष्ठान जहाँ सबसे अधिक सरकारी नौकरियां है उन्हें प्राईवेट हाथों में सौंप आपका हक छिन रही है. आरक्षण बचाओ
नीतीश कुमार और भाजपा बड़ी चालाकी से आरक्षण समाप्त कर रहे है। मोदी सरकार रेलवे, बैंक और एलआईसी जैसे प्रतिष्ठान जहाँ सबसे अधिक सरकारी नौकरियाँ है उन्हें प्राईवेट हाथों में सौंप आपका हक छिन रही है। #आरक्षण_बचाओ
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) February 4, 2021
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आपको लोगों को याद ही होगा कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने आरक्षण को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था. उस वक्त आरक्षण पर पूरे देश में बहस शुरू हो गई थी. इस दौरान नीतीश BJP से अलग हो RJD के साथ महागठबंधन की नई नींव पर चुनाव लड़ रहे थे. उसी वक्त संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान दिया. भागवत ने कहा था कि देश के हित में एक कमिटी बनाई जानी चाहिए जो आरक्षण पर समीक्षा कर ये बताए कि कौन से क्षेत्र में और कितने समय के लिए आरक्षण दिए जाने की जरूरत है.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू जमानत पर बाहर थे. भागवत के बयान का जिक्र करते हुए लालू ने सीधे कहा कि 'ये बैकवर्ड वर्सेज फॉरवर्ड की लड़ाई है.' इसी के साथ आरक्षण पर मोहन भागवत के बयान को लालू ने भुनाते हुए पूरे चुनाव को अगड़े और पिछड़ों की लड़ाई बना दिया था.
वहीं, बिहार चुनाव 2020 के पहले चरण के मतदान यानि 28 अक्टूबर के ठीक 13 दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर फिर बयान दिया, लेकिन इस बार बयान पूरी तरह से स्पष्ट था. उन्होंने कहा कि 'देश में आरक्षण के लिए कानून तो बने हैं लेकिन इसका लाभ सभी को नहीं मिल पा रहा है. जिनका जहां प्रभुत्व है वो इसका लाभ ले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे माना है. समाज में जब तक जरूरत है तब तक आरक्षण लागू रहना चाहिए. इसे मेरा पूरा समर्थन है.
इस बार भी आरजेडी ने मोहन भागवत के बयान के बाद आरक्षण के मुद्दे को चुनाव में उठाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. दरअसल, 2015 के विधान सभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव जमानत पर जेल से बाहर थे.
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