जाति गणना होने के बाद से बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. एक तरफ जहां बीजेपी महागठबंधन पर निशाना साध रही है तो दूसरी तरफ महागठबंधन भी बीजेपी पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. आरजेडी ने भी अब जाति गणना के बहाने बीजेपी पर पलटवार किया है. आरजेडी ने कहा कि कुछ लोग तो शुरू से ही चाहते थे कि बिहार में जातीय जनगणना हो ही नहीं, लेकिन मुख्यमंत्री की कोशिश रंग आई और बिहार में जाति आधारित गणना हुई.
आरजेडी ने बीजेपी पर साधा निशाना
आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के भूमि राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने जाति गणना के बहाने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है. आलोक मेहता ने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि यह हो, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने प्रयास किया जिसके बाद जाति आधारित गणना हुई है. इंडिया गठबंधन की व्यापक पहल के बाद अन्य राज्यों में भी अब जाति आधारित गणना की मांग उठने लगी है. इस गणना का यही सबसे बड़ा सकारात्मक परिणाम है कि देश के अन्य राज्यों में भी वहां की सरकार अब इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया है.
'आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाया जाए'
आलोक मेहता ने कहा कि अब समय आ गया है कि आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाया जाए. तमिलनाडु में इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है. अब इस गणना के बाद यह मांग उचित है कि आरक्षण की सीमा को बढ़ाया जाए क्योंकि सभी वंचित समुदाय के लोगों को इसका लाभ मिल सकें. आलोक मेहता ने इंडिया गठबंधन के चेहरा के रूप में कौन होगा इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद सभी राजनीतिक दल मिलकर एक अच्छा विकल्प तय कर लेंगे. अनेक ऐसे चेहरे हैं जो देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक प्रत्याशी के मुकाबले गठबंधन का एक प्रत्याशी खड़ा होगा उन लोगों को भरोसा है कि हर हाल में इंडिया गठबंधन की जीत होगी.
HIGHLIGHTS
- अन्य राज्यों में भी जाति आधारित गणना की उठने लगी मांग - आलोक मेहता
- आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाया जाए - आलोक मेहता
- तमिलनाडु में इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है - आलोक मेहता
Source : News State Bihar Jharkhand