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Barhiya Railway Station( Photo Credit : फाइल फोटो )
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Barhiya Railway Station( Photo Credit : फाइल फोटो )
बिहार में पुल निर्माण हो या फिर कोई भी निर्माणकार्य हो उसमें मनमानी ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता है. कभी उद्घाटन के पहले ही पुल टूट जाता है तो कभी उद्घाटन के दिन ही ठिकेदार बस अपनी ही चलाते हैं. पैसे की धांधली करने के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पुल कमजोर हो जाता है और जिसका खामियाजा लोगों को भुक्तना पड़ता है. लखीसराय में रेलवे स्टेशन बड़हिया के प्लेटफार्म पर नवीनीकरण का काम चल रहा है लेकिन इसमें धांधली की जा रही है जब लोगों ने इसका विरोध किया तो उनके बात को अनसुना को किया जा रहा है.
मामला लखीसराय के रेलवे स्टेशन बड़हिया प्लेटफार्म का है. जहां इन दिनों नवीनीकरण का कार्य जारी है. इस क्रम में नए पैदल पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है लेकिन पुल की रखी जा रही बुनियाद में ही अनियमितता साफ देखी जा रही है. पैदल ऊपरी पुल में प्रयुक्त पीलर को लेकर (बेस) आधार तैयार किया जाने लगा है. जिसमें गुणवत्तापूर्ण सामग्री का आभाव देखा जा रहा है. आधार में हो रहे पीसीसी वर्क में प्रयुक्त मसाले में सीमेंट का घोर आभाव हो रहा है. इस्तेमाल हो रहे मसाले के औसत संबंध में पूछे जाने पर जहां कामगार मजदूर ने 8 बोड़ा गिट्टी -3 बोड़ा बालू -1बोरा सीमेंट तो वहीं संवेदक कर्मी द्वारा 5 बोड़ा गिट्टी -3 बोड़ा बालू -1बोरा सीमेंट का मात्रा बताया है. वहीं, इस मामले में जानकारी देने के दौरान संवेदक के कर्मी (संजय सिंह) ने मजदूरों को ही दोषी ठहरा कर खुद को बचाते दिखाई दिए.
आपको बता दें कि पैदल ऊपरी पुल का निर्माण कार्य जैसे तैसे किया जा रहा है. जब वहां ठिकेदार , मुंशी और मजदूर से पूछा गया तो सभी अलग अलग बात कह रहे हैं. ग्रामीणों ने इस कार्य का विरोध करते हुए इसकी शिकायत संबंधित वरीय पदाधिकारी से करने की बात कही है.
रिपोर्ट - अजय झा
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Source : News State Bihar Jharkhand