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लालू के बेहद करीबी रहे रघुवंश प्रसाद ने छोड़ी RJD, पत्र में लिखी अपनी पीड़ा

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. तभी तो बड़े-बड़े नेता और विधायक पार्टी को छोड़कर भाग रहे हैं.

Updated on: 10 Sep 2020, 02:10 PM

highlights

  • सादा कागज पर रघुवंश ने लालू को लिखा पत्र
  • पत्र में दुख भी जाहिर किया और माफी भी मांगी
  • लालू के बेहद करीबी नेता थे रघुवंश प्रसाद

नई दिल्ली:

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. तभी तो बड़े-बड़े नेता और विधायक पार्टी को छोड़कर भाग रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले आज राजद को बहुत बड़ा झटका लगा है. पार्टी के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस बात की अंदेशा पहले से ही था कि रघुवंश प्रसाद (Raghuvansh Prasad) राजद का साथ छोड़ेंगे. फिलहाल रघुवंश प्रसाद सिंह दिल्ली एम्स में भर्ती हैं और वहीं से उन्होंने आज अपने इस्तीफे का ऐलान किया है.

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वैशाली के सांसद रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा करते हुए लालू यादव (Lalu Yadav) को एक पत्र लिखा है. दिल्ली एम्स में बिस्तर पर लेटे हुए रघुवंश ने इस पत्र में अपना दुख भी जाहिर किया है तो लालू से माफी भी मांगी है. रघुवंश प्रसाद ने पत्र में लिखा है, 'जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) के निधन के 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा हूं. लेकिन अब नहीं.' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा, 'पार्टी नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने मुझे बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें.'

यहां इस बात का जिक्र जरूरी है कि रघुवंश प्रसाद सिंह काफी दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे. चारा घोटाले में लालू यादव के जेल चले जाने से बाद से पार्टी के अंदर बनी स्थिति उनको रास नहीं आ रही थी. पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में शामिल होने की खबर ने रघुवंश प्रसाद सिंह का मन और खट्टा कर दिया. रघुवंश की पार्टी में रामा सिंह की 'एंट्री' से नाराजगी का पता इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफ दे दिया था.

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इधर, तेजप्रताप यादव के रघुवंश की तुलना राजद में एक लोटा पानी से करने और राजद को समुद्र बताए जाने से स्थिति और बिगड़ गई है. तेजप्रताप के इस बयान से रघुवंश प्रसाद बुरी तरह भड़क गए थे. हालांकि लालू प्रसाद ने खुद रघुवंश प्रसाद की नाराजगी दूर करने में कोशिश की, मगर वह उन्हें पूरी तरह अपने विश्वास में नहीं ले सके. कुल मिलाकर कहें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री की नाराजगी दूर करने में राजद असफल रहा. अब रघुवंश प्रसाद का पार्टी छोड़ना राजद के लालू प्रसाद यादव के लिए बड़ी क्षति साबित हो सकता है.