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राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में बनीं नेता विरोधी दल, सुनील सिंह को भी मिली जिम्मेदारी

सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को एक बार फिर से बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनाया गया है.

Updated on: 16 Feb 2024, 08:42 PM

highlights

  • राबड़ी देवी बनीं नेता विरोधी दल
  • सुनील सिंह को मिली बड़ी जिम्मेदारी
  • तेजस्वी यादव बने विपक्ष के नेता

 

Patna:

बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सत्ता में वापसी हो गई है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया और एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ली. वहीं, 12 फरवरी को नीतीश सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत भी हासिल किया. इसके साथ ही नई सरकार के गठन के बाद आरजेडी विपक्ष की भूमिका में आ चुकी है और ऐसे में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को एक बार फिर से बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनाया गया है, जबकि आरजेडी कोटे से एमएलसी सुनील कुमार सिंह को विरोधी दल का सचेतक का पद दिया गया है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने अचानक से आरजेडी का साथ छोड़ते हुए भाजपा के साथ चले गए और बिहार में एनडीए सरकार की वापसी हो गई. 

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राबड़ी देवी बनी नेता विरोधी दल

वहीं, नई सरकार के गठन के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है, जो अब विपक्ष के नेता के तौर पर जनता के मुद्दों को विधानसभा में उठाने का काम करेंगे. विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में भी आरजेडी को विरोधी पक्ष की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. आपको बता दें कि आरजेडी विधान मंडल की बैठक में राबड़ी देवी को सर्व सम्मति से विरोधी दल का नेता चुना गया है और इसके साथ ही आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह को विधान परिषद में विरोधी दल का सचेतक चुना गया है. 

सुनील सिंह को विधान परिषद में विरोधी दल का सचेतक चुना गया

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर उन्हें मान्यता देने का अनुरोध किया. जिसके बाद राबड़ी देवी को नेता विरोधी दल और सुनील सिंह को बिहार विधान परिषद में विरोध दल के मुख्य सचेतक की मान्यता मिल गई. इसे लेकर बिहार विधान परिषद सचिवालय की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. 

9 साल की राजनीतिक करियर में दो बार बने विपक्ष के नेता

आपको बता दें कि तेजस्वी यादव अपने सियासी सफर में दो बार डिप्टी सीएम रह चुके हैं. साथ ही वह दूसरी बार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी चुने गए हैं. इस तरह से संसदीय राजनीति में बारी-बारी से दो बार डिप्टी सीएम बनने के बाद दो बार विपक्ष का नेता बनने वाले तेजस्वी पहले नेता हैं. पहली बार 2015 में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने थे. वहीं, दूसरी बार महागठबंधन की सरकार में साल 2022 में तेजस्वी डिप्टी सीएम बने.