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शराब से हुई मौतों की जांच का NHRC वाला एंगल सही या गलत?( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)
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बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जहरीली शराब से मौत को लेकर हाहाकार है. छपरा से लेकर पटना तक सियासी तकरार है और अब मानवाधिकार को लेकर भी विपक्ष और सरकार में आर-पार है
शराब से हुई मौतों की जांच का NHRC वाला एंगल सही या गलत?( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जहरीली शराब से मौत को लेकर हाहाकार है. छपरा से लेकर पटना तक सियासी तकरार है और अब मानवाधिकार को लेकर भी विपक्ष और सरकार में आर-पार है. बिहार में जहरीली शराब से 73 से ज्यादा मौत का आंकड़ा है. कई लोग अभी भी अस्पताल में जूझ रहे हैं. पहले मौत के आंकड़ों को लेकर आपस में भिड़ंत हुई. सरकार 38 की मौत कह रही है, तो विपक्ष 100 से ज्यादा मौत का आंकड़ा बता रहा है. चिराग पासवान 200 मौत की बात कह रहे हैं.
वहीं सहयोगी पार्टी आरजेडी के नेता 150 से ज्यादा मौत बता रहे हैं. लेकिन सियासतदानों को लाशें गिनने से ज्यादा उन लाशों पर सियासत में ज्यादा दिलचस्पी है. मौत के आंकड़ों के बाद बात मुआवजे तक पहुंची. मुआवजा देने को लेकर सीएम नीतीश ने साफ कर दिया जो शराब पीकर मरे उनके परिवार वालों के लिए मुआवज़ा कैसा और अब मुआवजे के बाद लड़ाई मानवाधिकार पर आ गई है.
दिल्ली से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम छपरा पहुंची है. लेकिन टीम के पहुंचने पर पटना में एतराज जताया जा रहा है. कल सरकार के मंत्रियों ने तो आज सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम ने मानवाधिकार आयोग की टीम के दौरे को लेकर सवाल उठाए.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि तो सवाल है कि क्या शराब से पीकर मरने के मामले में मानवाधिकार वाला एंगल सही है. शराब से पीकर मरने पर कैसा मानवाधिकार? अगर बिहार में जहरीली शराब से पीकर मरने पर मानवाधिकार तो बाकी राज्यों में क्यों नहीं? शराबबंदी में जहरीली शराब पीकर मरने पर उनके पीछे मातम मना रहे उनके परिवार वालों का कोई अधिकार नहीं? शराब से हुई मौतों की जांच का मानवाधिकार वाला एंगल सही या गलत? सवाल ये भी है कि शराब से पीकर मरने पर कैसा मानवाधिकार? ये भी सवाल है कि बिहार में जहरीली शराब से मौत पर मानवाधिकार तो बाकी राज्यों में क्यों नहीं? मातम मना रहे परिवार वालों का कोई मानव अधिकार नहीं? और ज़हरीली शराब से मौत पर राज्य सरकार की कोई जवाबदेही नहीं?
कुल मिलाकर शराबकांड में 70 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि अबतक हो चुकी है. वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष खासकर बीजेपी इस मुद्दे पर एक दूसरे पर हमला कर रही है. सियासत जारी है लेकिन इन सबके पीछे सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर 70-70 लोगों तक जहरीली शराब एक साथ एक ही क्षेत्र में कैसे पहुंची? क्या इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है?
HIGHLIGHTS
Source : Shailendra Kumar Shukla