केंद्र और राज्य की सरकार डेयरी उद्योग और पशु नस्ल सुधार को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है. वही, पूर्णिया के एक युवा ने डेयरी उद्योग के क्षेत्र में ना सिर्फ अपनी अलग पहचान बनाई है, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी देने का काम कर रहे हैं. पूर्णिया के कसबा प्रखंड के मोहनी गांव में 70 से ज्यादा विभिन्न नस्लों की गाय और भैंस पाल रहे युवा किसान नवीन यादव दो साल पहले महज तीन गाय से शुरुआत की थी, लेकिन इन 2 वर्षों में इनके पास विभिन्न नस्ल की 70 से ज्यादा गाय और भैंस हैं. नवीन यादव गायों की नस्ल सुधारने के लिए विभिन्न नस्लों के सांड भी रखे हुए हैं.
पूर्णिया के लाल ने बनाई अलग पहचान
नवीन कहते हैं कि प्रतिदिन 4 क्विंटल दूध का उत्पादन होता है, जो स्थानीय बाजारों में ही खप जाता है. इस कार्य में 35 मजदूरों को रोजगार भी दिए हुए हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी बदली है. दूसरी तरफ डेयरी प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर बताते हैं कि दो साल से गायों की सेवा यहां आकर करते हैं और सीखने का अवसर मिलता है. ताकि खुद की डेयरी स्थापित कर सके. वहीं, दूसरे मजदूर बताते हैं कि साफ-सफाई, खानपान और चिकित्सकों की नियमित जांच का विशेष ख्याल रखा जाता है.
युवाओं को दे रहे हैं रोजगार
बहरहाल, डेयरी के क्षेत्रों में नवीन यादव के द्वारा किए गए स्टार्टअप का लाभ अब आसपास के युवाओं को भी मिलने लगा है. जहां युवा आकर डेयरी की बारीकियों को सीख रहे हैं. वहीं, खुद भी रोजगार सृजन की दिशा में काम करने की कोशिश कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- पूर्णिया के युवक ने नई सोच से किया कमाल
- नई सोच से युवाओं को दे रहे हैं रोजगार
- 70 से ज्यादा गाय और भैंस की नस्ल
Source : News State Bihar Jharkhand