बिहारी मजदूरों के तमिलनाडु से लौटने का सिलसिला जारी, सरकार भी गंभीर

तमिलनाडु में लगातार बिहारी मजदूरों पर हो रहे हमले के बीच सीतामढ़ी के भी कई मजदूर अपने घर वापस लौट आए हैं. वापस सुरक्षित लौट आने के बाद मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई है.

तमिलनाडु में लगातार बिहारी मजदूरों पर हो रहे हमले के बीच सीतामढ़ी के भी कई मजदूर अपने घर वापस लौट आए हैं. वापस सुरक्षित लौट आने के बाद मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई है.

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Jatin Madan
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हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया है.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

तमिलनाडु में लगातार बिहारी मजदूरों पर हो रहे हमले के बीच सीतामढ़ी के भी कई मजदूर अपने घर वापस लौट आए हैं. वापस सुरक्षित लौट आने के बाद मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि वहां लगातार बिहारी मजदूरों को मारकर भगाया जा रहा है. जिसकी वजह से तमिलनाडु से वे लोग जान बचाकर सीतामढ़ी पहुंचे हैं. दर्जनों की संख्या में तमिलनाडु से सीतामढ़ी पहुंचे मजदूरों ने पूरे घटनाक्रम को बयां किया और तमिलनाडु में हो रहे बर्बरता का भी जिक्र करते हुए अपनी बात को रखा. एक महिला मजदूर ने भी बताया कि उनके तीन बच्चे हैं. किसी तरह जैसे तैसे तमिलनाडु से भागकर वो सीतामढ़ी पहुंची है.

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तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमले की खबर से सभी चिंतित है. प्रवासी श्रमिकों पर हमले की सच्चाई जानने बिहार से एक उच्चस्तरीय टीम तमिलनाडु में है. टीम के सदस्यों ने वहां के प्रशासनिक अधिकारियों और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कार्रवाई की बात कही है.

तमिलनाडु में कथित प्रवासी मजदूरों पर हिंसा मामले को लेकर अब बिहार की राजनीति गरमा गई है. इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. इसे लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. तमिलनाडु में मजदूरों के साथ मारपीट के मामले में बिहार की जांच टीम तमिलनाडु में है. टीम तमिलनाडु के अधिकारियों से मुलाकात कर रही है. इसके साथ ही तमिलनाडु में रह रहे बिहार के लोगों से भी टीम ने मुलाकात की प्रवासी श्रमिकों के साथ बैठक की. तमिलनाडु सरकार ने बिहार और अन्य राज्यों के श्रमिकों को पूर्ण सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया है.

तमिलनाडु में बिहार और झारखंड के मजदूरों पर हो रहे हमले को लेकर हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया है. वहीं, कोयंबत्तूर में मजदूरों पर हो रहे हमले की शिकायत के निपटारे के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है. प्रवासी मजदूरों के पलायन से देश के टेक्सटाइल निर्यात में 50% से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले तिरुपुर में 70% फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं. बिहार में यहां से चली हवाओं की प्रतिक्रिया है, तो दूसरी ओर, तमिलनाडु में स्थानीयता की उग्र पक्षधर तमिलर कच्छी जैसी पार्टी इस विवाद से अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लग गई है.

यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमला: अपने बयान से तेजस्वी का यू टर्न, कहा-'जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई'

HIGHLIGHTS

  • तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले का मामला
  • लोग जान बचाकर पहुंचे सीतामढ़ी 
  • सीतामढ़ी पहुंचे मजदूरों ने किया बर्बरता का जिक्र

Source : News State Bihar Jharkhand

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