बिहार के मुख्यमंत्री और महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार समय-समय पर सबको चौंकाते रहते हैं. राजनीतिक विश्लेषक इसे साथी दलों को काबू में रखने की उनकी कला मानते हैं. नीतीश कुमार इन दिनों दो कारणों से सुर्खियों में हैं. पहला ये कि उन्होंने 15 विपक्षी दलों को एकजुट किया. नीतीश के चर्चा में बने रहने का दूसरा कारण उनकी विधायकों और सांसदों के साथ वन-टू-वन मुलाकात है. बिहार में मानसून की एंट्री और बारिश के बीच सियासत का माहौल गरमा गया है. सीएम नीतीश कुमार मिशन 2024 की तैयारियों में जुटे हुए हैं. 30 जून को नीतीश कुमार ने JDU विधायकों और विधान पार्षदों से वन टू वन मुलाकात की और अब सांसदों से चुनावी रणनीत पर मंथन कर रहे हैं. सीएम ने विधायकों और सांसदों को 2024 के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया.
बीजेपी बोली-मुख्यमंत्री डरे हुए हैं
विधायकों और सांसदों के साथ मुलाकात को लेकर सियासी हचलत तेज है तो महागठबंधन के नेता इसे रूटीन प्रक्रिया बता रहे हैं, लेकिन बीजेपी इन मुलाकातों और फीडबैक के पीछे कुछ और ही कहानी बता रही है. बीजेपी नेताओं की माने तो मुख्यमंत्री डरे हुए हैं और उन्हें इस बात का डर है कि उनके सांसद और विधायक उन्हें छोड़ ना दें.
JDU के टूटने का दावा!
दरअसल, JDU के 45 विधायक और 23 विधान पार्षद हैं और लोकसभा में 16 सांसद हैं. जबकि जेडीयू से राज्यसभा में पांच सांसद हैं. बीजेपी से दामन छुड़ाकर आरजेडी के साथ सरकार बना चुके नीतीश के पास अब पार्टी को एकजुट रखने की चुनौती है. सत्ता परिवर्तन के बाद विपक्षी दलों की ओर से JDU के टूटने का दावा लगातार किया जा रहा है तो नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. ऐसे में पार्टी में किसी तरह का बिखराव ना हो नीतीश कुमार की उस पर भी नजर है तो सीएम आगामी चुनाव को लेकर विधायकों और सांसदों से उनका मन टटोलने की कोशिश भी कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बिहार में 'मिशन 2024' की तैयारी
- चुनाव से पहले एक्शन में नीतीश कुमार
- विधायकों के बाद अब सांसदों के साथ मंथन
- सांसदों से वन टू वन मीटिंग का क्या है मकसद ?
Source : News State Bihar Jharkhand