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2024 के चुनावी रण की तैयारी, अब किताबी इतिहास पर सियासत भारी

NCERT ने इतिहास के किताबों से कुछ हिस्सों को हटाने का फैसला लिया तो पूरे देश में इतिहास पर सियासी फसाद शुरू हो गया.

Updated on: 26 Apr 2023, 04:11 PM

highlights

2024 के चुनावी रण की तैयारी 
अब किताबी इतिहास पर सियासत भारी
NCERT का फैसला.. राजनीति गरमाई
पक्ष और विपक्ष में आर-पार की लड़ाई

Patna:

NCERT ने इतिहास के किताबों से कुछ हिस्सों को हटाने का फैसला लिया तो पूरे देश में इतिहास पर सियासी फसाद शुरू हो गया. वामपंथियों की कथित साजिश और मुगलों के गुणगान पर कसीदे पढ़े दाने लगे. अब बिहार में भी इसपर सियासत शुरू हो गई है. 2024 से पहले सियासी बयानबाजी का दौर एक बार फिर तेज हो गया है. बिहार इस बार लोकसभा चुनाव का सियासी केंद्र बनता जा रहा है. मुद्दा कोई भी हो यहां के राजनीतिक गलियारों की तपिश बढ़ा देता है. फिलहाल अब यहां सियासतदान इतिहास पर चुनावी बिसात बिछाने में लगे हैं. NCERT के इतिहास के पन्नों से मुगल काल के कुछ चैप्टर को हटाया जा रहा है, जिस पर वैसे तो पूरे देश में ही राजनीति हो रही है, लेकिन बिहार में अब जुबानी जंग तेज होने लगी है.

अब किताबी इतिहास पर सियासत भारी

बिहार बीजेपी NCERT के इस फैसले का ना सिर्फ पुरजोर समर्थन कर रही है. बल्कि ये आरोप भी लगा रही है कि वामपंथी इतिहासकारों ने इतिहास के पन्नों में मुगलों को ज्यादा स्थान दिया था. इसी को लेकर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि ढाई हजार साल पुराने इतिहास में हिंदुओं के राजाओं को कम जगह दी गई. इतिहास में ये बतानी कोशिश की गई कि गांधी जी की हत्या में RSS का हाथ कहा था. जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. पूर्व डिप्टी सीएम ने इतिहास में जाति को बदनाम करने का भी आरोप लगाया और जरूरत पड़ने पर इतिहास को दोबारा लिखने की वकालत तक कर डाली.

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पक्ष और विपक्ष में आर-पार की लड़ाई

अब सुशील मोदी के इस बयान पर जमकर सियासत होने लगी है. JDU ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है कि इतिहास मिटाने वालों को जनता खुद मिटा देगी. JDU ने RSS को लेकर भी बीजेपी को आड़े हाथ लिया. सुशील मोदी के बयान पर RJD भी हमलावर है. RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी के पास अब कोई काम नहीं बच गया है. इसी वजह से बीजेपी इतिहास को बदलने का काम कर रही है.

इतिहास के पन्नों के बहाने बिहार में राजनीतिक दल एक दूसरे को घेरने की कोशिश कर रही है. बीजेपी जहां इसे इतिहास के शुद्धिकरण की बात कह रही है, तो वहीं JDU और RJD इसे 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी का एजेंडा बता रही है. अब किताबी इतिहास पर शुरू हुई ये सियासी लड़ाई कहां जाकर खत्म होती है, ये तो वक्त ही बताएगा.

रिपोर्ट : आदित्य झा