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Bihar Madrasa: फर्जी मदरसों पर कार्रवाई की तैयारी, हाई कोर्ट के आदेश पर शिकंजा

बिहार के मदरसा सवालों के घेरे में है. मदरसा को लेकर पिछले कुछ महीनों से लगातार तरह-तरह की बातें सामने आ रही है और अब पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश से बिहार के सरकारी महकमे से लेकर सियासी गलियारों में खलबली मच गई है.

Updated on: 25 Jan 2023, 04:30 PM

highlights

  • फर्जी मदरसों पर कार्रवाई की तैयारी
  • हाई कोर्ट के आदेश पर शिकंजा 
  • 2400 से ज्यादा मदरसे की होगी जांच

Patna:

बिहार के मदरसा सवालों के घेरे में है. मदरसा को लेकर पिछले कुछ महीनों से लगातार तरह-तरह की बातें सामने आ रही है और अब पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश से बिहार के सरकारी महकमे से लेकर सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. पटना हाई कोर्ट ने राज्य के कुल 2459 मदरसों के कागजातों की विस्तृत जांच करने के आदेश जारी किए हैं. बता दें कि पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पार्थ सारथी की पीठ ने फर्जी मदरसों पर अधिवक्ता राशिद इजहार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. राशिद ने अपने याचिका में यह कहा था कि राज्य में कई फर्जी मदरसों चलाए जा रहे हैं, जिन्हें अनुदान दिया जा रहा है. ऐसे में इन मदरसों की जांच होनी चाहिए.

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2400 से ज्यादा मदरसे पर रडार
हाई कोर्ट ने पटना के DGP को आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी मदरसों की मदरसा कानून के तहत कागजातों की जांच करने और अन्य पहलुओं पर स्क्रीनिंग करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 609 मदरसों की अनुदान राशि पर रोक लगा दी है. दरअसल, सीतामढ़ी के मो. अलाउद्दीन बिस्मिल ने ये याचिका दायर की है.

पटना हाई कोर्ट ने दिया आदेश
शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसों जो सरकारी अनुदान प्राप्त किया है, उन सभी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कोर्ट ने जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज प्राथमिकी पर राज्य के डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया है. इस आदेश के आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने और तल्ख रुख अख्तियार कर लिया है. 

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने दिया बयान
नेता प्रतिपक्ष का मानना है कि मदरसा के नाम पर देश विरोधी गतिविधियों की बात वह पहले से करते रहे हैं. अब इस मामले पर सरकार त्वरित जांच कराएं. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार की जवाबदेही अब जांच कराने की है. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने कहा कि कई मदरसों के अंदर खेल चल रहा था. सीएम नीतीश जो अनुदान देते थे, उससे आतंकवाद फैलता था और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.

इधर सत्तारूढ़ दल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बैकफुट पर है. सरकार के मंत्री यह दलील दे रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मदरसों को लेकर हमेशा से संवेदनशील रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल भी मदरसों पर उच्च न्यायालय के आदेश के पालन किये जाने की बात कर रही है.