प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेरा, कहा-जातीय जनगणना के जरिए समाज को बांटने की तैयारी
बिहार में शुरू हो रही जातीय जनगणना पर प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से नीतीश कुमार को घेरा है. मोतीहारी में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ये तो समाज को जातीय गुट में बांटने की तैयारी है और जनता के आंख में धूल झोंकी जा रही है.
highlights
- प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेरा
- बिहार में शुरू जातिगत जनगणना
- दो चरणों में होगी जातीय जनगणना
- 21 जनवरी तक पहले चरण का काम
- एक से 30 अप्रैल तक दूसरे चरण का काम
Patna:
बिहार में शुरू हो रही जातीय जनगणना पर प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से नीतीश कुमार को घेरा है. मोतीहारी में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ये तो समाज को जातीय गुट में बांटने की तैयारी है और जनता के आंख में धूल झोंकी जा रही है. आपको ये समझना चाहिए की इस जनगणना के पीछे नियत क्या है और जनगणना का बाद आप उसका करने क्या वाले हैं. इस जनगणना का कोई वैधानिक आधार नहीं है. नीतीश सरकार राजनीति करने के लिए जनगणना करवा रही है. जनगणना केंद्र का विषय है.
क्या है इसका वैधानिक आधार?
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार जरा ये बताएं कि इसका वैधानिक आधार क्या है और जनता का इससे क्या विकास होगा. अगर विकास करना है तो ये आंकड़ा समझ लें कि बिहार में 13 करोड़ लोग आज भी देश में सबसे पिछड़े हैं, उनका उत्थान होना चाहिए, लेकिन किसी लाइब्रेरी में बैठ जाने से ज्ञान नहीं हो जाता है उसको समझने के लिए समझ होनी चाहिए. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार पर जातीय जनगणना के जरिए समाज को बांटने का आरोप लगाया है.
बीजेपी ने सरकार को घेरा
आपको बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी भी सरकार को लगातार घेरती नजर आ रही है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सोचने की बात है, कि 1931 के बाद आजाद भारत के किसी सरकार ने जातीय जनगणना की आवश्यकता क्यों नहीं समझी. मोदी सरकार बनने के बाद मानो जैसे जाती फैक्टर धीरे-धीरे कमजोर होने लगा, लोग विकास की बात करने लगे. तब क्षेत्रीय दलों का जातीय आधारित राजनीति खतरे में पड़ गयी, और वो फिर से समाज को आपस मे लड़ाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं.
पहले चरण में क्या सब होगा
आपको बता दें कि आज से बिहार में जातीय जनगणना की शुरुआत हो गई है. ये जनगणना दो चरणों में होगी. इसका पहला चरण 21 जनवरी तक चलेगा. पहले चरण में आवासीय मकानों पर नंबर डाले जाएंगे. पटना के वीआईपी इलाकों से इसकी शुरुआत हो गई है. विधायक, सांसदों और मंत्रियों के घरों को गिना जाएगा. घर के मुखिया, और परिवार के सदस्यों के नाम भी दर्ज होंगे. दो करोड़ 58 लाख से ज्यादा घरों तक कर्मचारी पहुंचेंगे और 15 दिनों तक मकानों पर संख्या अंकित करने का काम दिया गया है.
दूसरे चरण में क्या सब होगा
वहीं, इसका दूसरे चरण एक से 30 अप्रैल तक होगा. दूसरे चरण में जातियों की गिनती होगी. जाति, उपजाति और धर्म की पूछताछ होगी. कुल 26 प्रकार की जानकारी लोगों से ली जायेगी. राज्य के बाहर रहने वाले लोगों के भी नाम दर्ज होंगे.
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