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संसद घुसपैठ के आरोपी ललित झा के घर पर लगा क्रांतिकारी योद्धा का पोस्टर

संसद हमलों की बरसी के दिन यानी 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मास्टरमाइंड ललित झा के पैतृक आवास रामपुर उदय गांव में राष्ट्रीय लोक आंदेलन, मुंबई की एक संगठन ने घर पर एक पोस्टर लगाया है.

Updated on: 21 Dec 2023, 05:03 PM

highlights

  • ललित के घर पर लगा क्रांतिकारी योद्धा का पोस्टर
  • ललित को मुंबई के संगठन का मिला साथ
  • परिवार को हो रही है परेशानी

Darbhanga:

संसद हमलों की बरसी के दिन यानी 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मास्टरमाइंड ललित झा के पैतृक आवास रामपुर उदय गांव में राष्ट्रीय लोक आंदेलन, मुंबई की एक संगठन ने घर पर एक पोस्टर लगाया है. जिसमें संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 6 आरोपी की तस्वीर लगी है और उसपर लिखा है कि ये क्रांतिकारी योद्धा है. जिससे ललित झा गांव और उनका परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, बुधवार को राष्ट्रीय लोक आंदेलन, मुंबई की एक संगठन के चार कार्यकर्ता पहुंचे और संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष कल्पना ईमानदार ने ललित को क्रांतिकारी बताते हुए परिजन को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है. वहीं, कल्पना ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ललित झा को क्रांतिकारी में इसीलिए कहती हूं कि आज उसने हिम्मत दिखाई है. 

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ललित झा के घर पर लगा क्रांतिकारी योद्धा का पोस्टर

उसे पता है कि वह शहीद होने वाला है क्योंकि उसने हमें बोला था कि जब तक मैं शहीद नहीं होता हूं, तब तक देश जागृत नहीं होगा. इसीलिए शायद उसने संसद पर कुच किया. उनकी मनसा किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था. उनका इरादा एक ही था. संसद में जो लोग बैठे हुए हैं, उनको जागृत करना और बेरोजगारी के ऊपर आप संसद में बात करो. यही बताना उनका उद्देश्य था, लेकिन सरकार इन सारी युवाओं को आतंकवादी ठहरने के पीछे पड़ी है. उन्होंने इस प्रकार सरकार के समक्ष रखने के तरीके से असहमति जताई. 

ललित को मुंबई के संगठन का मिला साथ

वहीं, ललित झा के भाई सोनू ने बताया कि राष्ट्रीय लोक आंदेलन, मुंबई की एक संगठन के चार सदस्यीय टीम आई थी. हमलोगों से बातचीत कर उन्होंने न्याय दिलाने की बात कही और यहां पोस्टर लगाकर चले गए. उन्होंने कहा कि इसपर हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. ना ही गांव वाले कुछ बोल रहे हैं. वहीं, उन्होंने दिल्ली पुलिस और एटीएस की टीम भी आई थी. मेरे से बड़े भाई से और मम्मी-पापा से पूछताछ की है. पूछताछ के संदर्भ में उन्होंने बताया कि ललित के बारे में अलग-अलग बिंदुओं पर उन्होंने पूछताछ की और फिर वह चली गई.

परिवार को हो रही है परेशानी

बता दें कि ललित के पिता देवानंद झा पिछले 40 वर्षों से कोलकाता में किराए के मकान में रहते हैं, जिसका 6200 रुपए किराया हैं. 5 वर्ष पहले ललित अपने परिवार से अलग मकान में रहता था, लेकिन संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले वह अपने माता-पिता सहित अपने छोटे भाई सोनू के साथ रहने लगा. देवानंद झा का बड़ा पुत्र अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अलग किराए के मकान में रहता है. जिसे फिलहाल कपड़ा दुकान के मालिक ने नौकरी से हटा दिया है. कोलकाता के किराए के मकान में उनकी लगभग डेढ़ लाख की संपत्ति है और इंडियन बैंक में उनकी व पत्नी की अलग-अलग मात्र एक खाता संचालित है.