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मानस-निंदक मंत्री के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर पाये 'बेचारे मुख्यमंत्री': सुशील मोदी

सुशील मोदी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री इतने कमजोर हो चुके हैं कि चंद्रशेखर को बर्खास्त करना तो दूर, उनसे लिखित स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा.

Updated on: 19 Jan 2023, 04:22 PM

highlights

  • नहीं थम रहा रामचरितमानस को लेकर विवाद
  • बीजेपी ने फिर बोला सीएम नीतीश पर हमला
  • सीएम नीतीश को सुशील मोदी ने बताया 'बेचारा' और कमजोर

Patna:

रामचरितमानस पर इन दिनों बिहार में जमकर राजनीति हो रही है. एक बार फिर से बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा कि जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से एक समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं, तब पार्टी ने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने श्रीरामचरित मानस की निंदा कर हिंदू समाज की भावनाओं को आहत किया, तब उनके खिलाफ कार्रवाई करने में नीतीश कुमार अपनी बेचारगी जाहिर कर रहे हैं.

सुशील मोदी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री इतने कमजोर हो चुके हैं कि चंद्रशेखर को बर्खास्त करना तो दूर, उनसे लिखित स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा. अगर चंद्रशेखर ने नीतीश कुमार के "समझाने" पर भी अपना बयान वापस नहीं लिया, बल्कि उस पर अड़े हुए हैं, तो जाहिर है कि मुख्यमंत्री कितने कमजोर हो चुके हैं. वे अब केवल राजद की कृपा से कुर्सी पर बने हुए हैं.

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उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने किसी सरकारी कार्यक्रम में नहीं, बल्कि एक निजी टीवी चैनल पर बहस के दौरान भगवान शंकर पर अभद्र टिप्पणी करने के जवाब में अपनी बात इस्लामी किताबों के हवाले से कही थी, फिर भी उन्हें दंडित किया गया. राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर ने तो दीक्षांत समारोह जैसे सरकारी और गरिमामय कार्यक्रम में बिना किसी उकसाने के मानस को "नफरत फैलाने वाला ग्रंथ" बताकर करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर आघात किया, फिर भी उनके विरुद्ध सरकार और उनकी पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की. यह रवैया महागठबंधन के हिंदू-विरोधी दुराग्रह की पराकाष्ठा है.

सुशील मोदी ने आगे कहा कि चंद्रशेखर और सुधाकर सिंह  के बयान नीतीश कुमार को लगातार कमजोर बना रहे हैं. इन दोनों पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का वरदहस्त है.  राजद ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस देने में 15 दिन देर की और जवाब देने के लिए भी 15 दिन का लंबा समय दे दिया. नोटिस केवल दिखावा है.