सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में बिहार सरकार की सिफारिश को सही ठहराते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के आदेश दे दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस को इस मामले में अब तक एकत्र किए गए सभी साक्ष्य सीबीआई को सौंपने को कहा है. कोर्ट के इस फैसले से बिहार सरकार काफी खुश है. बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने कोर्ट के फैसले को अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत बताया है. उन्होंने कहा इस फैसले से मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत खुश हूं.
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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिहार DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. ये अन्याय के विरुद्ध न्याय की जीत है. सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया है उससे 130 करोड़ जनता के दिल में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के लिए जो आस्था थी वो और ज्यादा दृढ़ हुई है.' शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा, 'किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के आरोप का जबाव देना मेरे लिए उचित नहीं है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने प्रमाणित कर दिया कि हम लोगों ने जो स्टैंड लिया वो सही था. कुछ लोगों को बेचैनी थी और छटपटाहट रही होगी कि कहीं उनकी पोल न खुल जाए.'
उन्होंने कहा, 'नतीजा आएगा, निश्चित आएगा क्योंकि ये केवल एक आदमी की लड़ाई नहीं है, एक परिवार की लड़ाई नहीं है, गुप्तेश्वर पांडेय की कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, ये हिंदुस्तान की 130 करोड़ जनता जो न्याय चाहती है उसकी लड़ाई है.' बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय से जब अभिनेत्री द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणियों के बारे में पूछा गया, तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने की औकात रिया चक्रवर्ती की नहीं है. उन्होंने कहा, 'रिया चक्रवर्ती की हैसियत नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री के बारे में कोई प्रतिकूल टिप्पणी करें. आज पूरे देश में उनको लोग शक की नजर से देख रहे हैं. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री का कद, चरित्र बहुत ऊपर है.'
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पांडेय ने कहा कि इस मामले में शुरू से ही बिहार पुलिस संवैधानिक और कानूनी तरीके से काम कर रह थी, लेकिन बिहार पुलिस पर आरोप लगाए गए थे. अब सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार पुलिस के द्वारा किए गए संवैधानिक कामों को उचित ठहराते हुए उस पर मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से अदालत के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ेगी तथा इस मामले में सुशांत के परिजनों को न्याय मिलेगा.
डीजीपी ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस प्रारंभ से ही गलत कर रही थी. उन्होंने लोगों से धीरज रखने की अपील करते हुए कहा कि अब इस मामले में जांच के परिणाम का इंतजार करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि सशांत ने कथित तौर पर 14 जून को अपने मुंबई आवास पर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद उनके पिता के. के. सिंह ने 25 जुलाई को पटना के राजीवनगर में एक मामला दर्ज करवाया था. बाद में बिहार सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा की थी.