मकर संक्रांति के त्योहार पर आस्था की डूबकी लगा रहे लोग, देवराज इंद्र ने भी इसी सरोवर में किया था स्नान
मकर संक्रांति के त्योहार को लेकर सरोवर में लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं. बिहार के बांका में पापहरणी सरोवर में मकरसंक्राति को लेकर लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई और भगवान से मंगल कामना की है. मंदार पर्वत की तलहटी में एक पौराणिक सरोवर है.
आस्था की डूबकी लगा रहे लोग( Photo Credit : फाइल फोटो )
मकर संक्रांति के त्योहार को लेकर सरोवर में लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं. बिहार के बांका में पापहरणी सरोवर में मकर संक्राति को लेकर लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई और भगवान से मंगल कामना की है. मंदार पर्वत की तलहटी में एक पौराणिक सरोवर है. ऐतिहासिक पापहरणी इस सरोवर की अपनी अलग ही धार्मिक मान्यता है. मकर संक्राति पर तो इस ऐतिहासिक पापहरणी सरोवर में डुबकी लगाने ना सिर्फ बांका से बल्कि आसपास के तमाम जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मकर संक्रांति पर इस पापहरणी सरोवर में स्नान के लिए होड़ लगी है. कहते हैं कि मकरसंक्रांति पर ही इस एतिहासिक पापरहणी सरोवर की खुदाई हुई थी.
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देवराज इंद्र ने इसी सरोवर में किया था स्नान
पवित्र पापरहणी सरोवर को लेकर ग्रंथों में कई कहानियां है. कहा जाता है कि गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए देवराज इंद्र ने इसी पापहरणी सरोवर में स्नान किया था और श्राप मुक्त हुए थे. एक कहानी ये भी है कि चोल वंश के राजा को भी इसी पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी और इसके बाद ही उनकी पत्नी ने पापहरणी सरोवर की खोदाई करवाई थी. पापरहणी सरोवर की इसी महानता से लोग प्रभावित होकर यहां मकरसंक्राति पर आस्था की डुबकी लगाते हैं.
बांका के इस पवित्र सरोवर की महानता पूरे देश में फैली है. आम दिनों में भी लोग यहां आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं. लेकिन मकरसंक्रांति पर इस सरोवर में स्नान करने का विशेष महत्व है. लोग पापरहणी सरोवर को शारीरिक कष्ट हरने वाली सरोवर के नाम से भी जानते हैं. सरोवर के बीच अष्ट कमल लक्ष्मी नारायण मंदिर भी है. जहां पापहरणी सरोवर में श्रद्धालु स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना करते हैं. बिहार-झारखंड के अलावा ओडिसा, बंगाल, असम के साथ साथ कई राज्यों से भी लोग मकर संक्रांति पर यहां पहुंचते हैं. पापहरणी सरोवर में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, मंदार शिखर पर मौजूद जैन मंदिर में भी जैन समुदाय के लोग भगवान बासुपूज्य के खड़गासन प्रतिमा का दर्शन करते हैं तो वहीं हिंदू समुदाय के लोग पवित्र सरोवर में स्नान कर राम झरोखा, विष्णुपद और काशी विश्वनाथ का दर्शन करते हैं.
सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
मकरसंक्राति को लेकर यहां जिला प्रशासन ने भी तमाम व्यवस्था की है. सरोवर के आसपास सुरक्षा के मद्देनजर बेरिकेटींग की गई है ताकि लोग मकरसंक्राति पर सुरक्षित आस्था की डुबकी लगा सकें.
HIGHLIGHTS
मंदार पर्वत की तलहटी में मौजूद है एक पौराणिक सरोवर
मकरसंक्रांति पर ही इस सरोवर की हुई थी खुदाई
इस सरोवर में स्नान करने के बाद ही देवराज इंद्र हुए थे श्राप मुक्त