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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना क्यों जरूरी है? खुद CM नीतीश ने दिया इसका जवाब

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग समय-समय पर उठती रही है. इन दिनों भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा यह मांग उठाए जाने के बाद यह मामला एक बार फिर राज्य में गरमा गया है.

Updated on: 23 Nov 2023, 06:47 PM

highlights

  • नीतीश कुमार ने की विशेष राज्य देने की मांग
  • CM नीतीश ने बताया विशेष राज्य का दर्जा देना क्यों जरूरी है
  • योजनाओं के लिए है 5 वर्ष का लक्ष्य किया तैयार

Patna:

एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग समय-समय पर उठती रही है. इन दिनों भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा यह मांग उठाए जाने के बाद यह मामला एक बार फिर राज्य में गरमा गया है. वहीं, विपक्षी दल जहरीली शराब और अपराध के बढ़ते ग्राफ को नीतीश सरकार की नाकामियां बता रहे हैं. इसी बीच, अब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया है कि, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों दिया जाना चाहिए ? दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने सबसे पहले अपने पोस्ट में लिखा कि, ''उन्होंने फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है.''

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नीतीश कुमार ने की विशेष राज्य देने की मांग

आपको बता दें कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग वाले वाक्य से शुरू होने वाले पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे लिखा कि देश में पहली बार जाति आधारित जनगणना बिहार में हुई है. नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों को गिनाते हुए अपनी बात कही है. उन्होंने साफ बताया कि, ''जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है. इसी तरह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है. इसके अलावा पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, इस प्रकार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई है.'' वहीं आगे सीएम ने अपनी पोस्ट में बताया है कि, ''सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की सीमा पहले की तरह लागू रहेगी, जिससे राज्य में कुल आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत हो जायेगी.''

भूमिहीनों को अब सरकार से मिलेगी मदद 

साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में ये भी बताया है कि, ''जाति आधारित गणना के अनुसार बिहार में सभी वर्ग को मिलाकर लगभग 94 लाख गरीब परिवार हैं. इनमें से प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक की राशि किश्तों में प्रदान की जाएगी.'' वहीं सीएम ने बताया है कि, ''अब तक राज्य के 63,850 बेघर और भूमिहीन परिवारों को जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपये दिए जाते हैं. राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है. साथ ही इन परिवारों को घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. झोपड़ी में रहने वाले राज्य के 39 लाख परिवारों को भी पक्का मकान दिया जायेगा. इसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.'' बता दें कि सीएम के मुताबिक, ''सतत आजीविका योजना में अत्यंत गरीब परिवारों को मदद के लिए अब एक लाख की जगह दो लाख रुपये दिये जायेंगे. इन योजनाओं पर लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी.''

योजनाओं के लिए है 5 वर्ष का लक्ष्य

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में आगे कहा है कि, ''इन कार्यों के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.'' साथ ही सीएम ने कहा है कि, ''इसके लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये तो यह काम बहुत कम समय में पूरा हो जायेगा.''

विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई और रैली भी की

इसके साथ ही आपको बता दें कि आगे सीएम ने अपने पोस्ट में लिखा कि, ''हम लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग 2010 से ही कर रहे हैं. इसके लिए 24 नवंबर 2012 को पटना के गांधी मैदान और 17 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैलियां भी आयोजित की गईं.'' साथ ही उन्होंने कहा कि, ''हमारी मांग पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी का गठन भी किया था, जिसकी रिपोर्ट सितंबर 2013 में प्रकाशित हुई थी, लेकिन उस समय भी तत्कालीन केंद्र सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया. मई 2017 में भी हमने राज्य को विशेष दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था.''

कैबिनेट बैठक के फैसले का जिक्र

वहीं आपको बता दें कि अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि, ''आज हुई कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने यह भी लिखा है कि मेरा अनुरोध है कि बिहार की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अविलंब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें.''