Patna News: मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना जोनल कार्यलय ने बिहार, गुजरात और हरियाणा के नौ ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान 11.64 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं. यह कार्रवाई ठेकेदार रिशु श्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ की गई, जिन पर सरकारी टेंडर में गड़बड़ी कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
ईडी ने यह छापेमारी पटना, मुजफ्फरपुर (बिहार), सूरत (गुजरात) और पानीपत (हरियाणा) में की. इस दौरान एजेंसी को बड़ी मात्रा में नकदी के अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं.
ये है पूरा केस
यह पूरा मामला बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (SVU) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें रिशु श्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे. रिशु श्री की कंपनी बिहार सरकार के जल संसाधन, स्वास्थ्य, पीएचईडी, शहरी विकास, बीयूआईडीसीओ, शिक्षा और भवन निर्माण विभाग समेत कई अहम सरकारी परियोजनाओं में ठेकेदार या उपठेकेदार के रूप में कार्य कर रही थी.
ईडी के अनुसार, रिशु श्री ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की और निजी लाभ के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया. उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून यानी पीएमएलए 2002 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
ट्रैवल एजेंटों के घर भी मारी रेड
सूत्रों का कहना है कि रिशु श्री के करीबी सहयोगियों और कुछ ट्रैवल एजेंटों के यहां भी छापेमारी की गई, जिससे इस पूरे रैकेट का दायरा और बड़ा हो गया है. इससे पहले ईडी ने इस मामले से जुड़े कई सरकारी अधिकारियों के घरों पर भी छापा मारा था, जहां से भारी नकदी और अहम दस्तावेज बरामद हुए थे. ईडी का कहना है कि जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डाटा की बारीकी से जांच की जा रही है. प्राथमिक जांच में यह साफ हो चुका है कि रिशु श्री और उनके नेटवर्क ने टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर घोटाला किया है.
यह भी पढ़ें: Bihar Crime: बिहार में महिला ने राजा का काटा प्राइवेट पार्ट, ये है हमले की वजह
यह भी पढ़ें: Bihar: पटना में आयोजित प्रयास योजना को मिला नया आयाम, ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा व्यक्तिगत उद्यम का संबल