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मां-बाप नहीं करना चाहते इस गांव में अपने बच्चों की शादी, जानिए वजह

मधुबनी से शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां आज भी ग्रामीण नदी पार करने के लिए चचरी पुल पर निर्भर है.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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मधुबनी से शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां आज भी ग्रामीण नदी पार करने के लिए चचरी पुल पर निर्भर है. पुल की हालत भी ऐसी है कि कब कोई हादसा हो जाए कुछ कह नहीं सकते. मधुबनी में कोसी के गर्भ में बसे बकुवा पंचायत आजादी के 75 साल बाद भी विकास की राह जोट रहा है. चुनावी वादों और दावों के भंवरजाल में फंसे ग्रामीण एक चचरी पुल के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.

चचरी पुल के सहारे ग्रामीण

बकुवा पंचायत जिले के मधेपुर प्रखंड के तहत आता है. जहां नदी पार करने के लिए ग्रामीणों को एक पुल तक नसीब नहीं है. लोग चचरी पुल के सहारे ही आवाजाही करने को मजबूर हैं. लगभग 300 मीटर लंबे चचरी पुल का निर्माण हर साल किया जाता है. पुल निर्माण की लागत करीब 10 लाख के आस-पास आती है. लाखों की लागत में चचरी पुल बना तो दी जाती है, लेकिन बरसात के महीने में जब नदियां उफान पर आती है तो हर साल चचरी पुल को अपने साथ बहा कर ले जाती है. जिसके बाद लोगों की जिंदगी नाव के सहारे रह जाती है.

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ग्रामीणों को है पुल का इंतजार

चचरी पुल के सहारे नदी पार करना किसी बड़े हादसे को दावत देने जैसा होता है. पैदल आवाजाही तो फिर भी जैसे तैसे हो जाती है, लेकिन बाइक या गाड़ियों को नदी के उस पार ले जाना किसी जंग लड़ने से कम नहीं होता. ग्रामीणों की बेबसी तस्वीरें ही बयां कर रही है, लेकिन शासन और प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है. तभी तो ग्रामीणों की परेशानी नजर ही नहीं आती. यहां पुल ना होने के कारण 5 से 7 लोगों की डूबने से मौत हो गई है. पिछले साल एक साथ तीन मासूम बच्चे नदी में डूब गए थे, लेकिन जनप्रतिनिधी और अधिकारी लापरवाह बने बैठे हैं.

बाढ़-बारिश में आवाजाही हो जाती है ठप

पुल ना होने के चलते गांव वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आलम ये है कि अब यहां के युवाओं की शादी भी नहीं हो पाती. कोई भी अपने बेटे या बेटी की शादी बकुवा पंचायत में नहीं करना चाहता. स्थानीय सांसद और विधायक कई बार यहां आ चुके हैं और ग्रामीणों को आश्वासन भी दे चुके हैं, लेकिन आश्वासन पर आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई है. कुल मिलाकर शासन और प्रशासन की अनदेखी का दंश बकुवा पंचायत के लोग झेलने को मजबूर है.

रिपोर्ट : प्रशांत झा

HIGHLIGHTS

  • चचरी पुल के सहारे ग्रामीण
  • ग्रामीणों को है पुल का इंतजार
  • बाढ़-बारिश में आवाजाही हो जाती है ठप
  • शिकायत के बाद भी नहीं सुनवाई
  • ग्रामीणों की गुहार... सुनो सरकार

Source : News State Bihar Jharkhand

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