डॉ. संजय कुमार एक मार्च की रात 7:00 घर से मुजफ्फरपुर जाने के लिए निकले थे, लेकिन डॉ घर वापस नहीं लौटे. डॉ संजय कुमार की पत्नी प्रोफेसर सलोनी कुमारी ने डॉक्टर के मिसिंग का मामला पटना के पत्रकार नगर थाने में दर्ज करा दिया है. पुलिस ने डॉ की कार को 1 मार्च की रात महात्मा गांधी सेतु पुल से बरामद किया है. कार के अंदर से डॉ के दोनों मोबाइल और चश्मा भी पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से जांच शुरू कर दी है. पटना के एसडीआरएफ की टीम की भी मदद ली है. शुक्रवार सुबह 8 बजे से गंगा नदी में डॉ संजय कुमार की तलाश की जा रही है. पटना से फतुहा तक गंगा नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन टीम को कोई सफलता नहीं मिली है. डॉ संजय कुमार के परिजन पटना गायघाट के पास सुबह से ही नजर बनाए हुए हैं. परिजन काफी परेशान हैं.
3 दिन से NMCH के डॉक्टर लापता
डॉक्टर संजय के लापता होने के मामले में एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभी तक ना किसी फिरौती की बात सामने आई है और ना ही ऐसा लग रहा है कि उन्हें कोई जबरदस्ती लेकर गया है. गाड़ी बंद अवस्था में मिली है, पुलिस हर पहलू पर सावधानी से जांच कर रही है. उनके तनाव में रहने की भी बात सामने आ रही है. मगर जल्दबाजी में अभी हम किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहते क्योंकि हर बिंदु पर जांच चल रही है. एसडीआरएफ की टीम भी गंगा नदी में लगा दी गई.
सुबह से एसडीएफ की टीम कर रही है जांच
डॉ. के लापता हुए 3 दिन होने को है, अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है. डॉ की पत्नी प्रोफेसर सलोनी कुमारी ने बताया कि रात करीब 7:42 बजे उनकी आखिरी बार फोन पर बात हुई थी. तब डॉ साहब ने बताया था कि वो जाम में फंसे हुए हैं. कुछ घंटा बाद उनसे दोबारा संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. SDRF की टीम हो या NDRF की टीम हो, सभी गंगा नदी में खोजने के लिए लगे हैं. बता दें कि पुलिस को डॉ संजय कुमार की कार पटना के महात्मा गांधी सेतु पुल नया नंबर 46 के पास खड़ी मिली. कार में डॉक्टर का फोन और चश्मा पड़ा हुआ मिला. इसके अलावा किसी प्रकार की कोई जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है.
अनहोनी की आशंका से परिवार के लोग सहमे
डॉक्टर साहब की पत्नी और पूरा परिवार डॉक्टर साहब के अचानक गायब होने से बेहद परेशान है और अनहोनी की आशंका से सारे लोग सहमे हुए हैं. डॉक्टर साहब की पत्नी का साफ तौर पर कहना है कि उनके पति किसी भी डिप्रेशन या मानसिक बीमारी से ग्रसित नहीं थे. वह बेहद सामान्य थे, नहीं उनके घर में वैसा माहौल था, जिसकी वजह से वह नाराजगी में घर से निकल जाएं. इसके अलावा उनकी पत्नी का यह भी कहना है कि वह काफी मृदुभाषी और सहज व्यक्ति थे. जिनका किसी से भी कोई झगड़ा या लड़ाई तक नहीं थी. ऐसे में डॉक्टर साहब की पत्नी पुलिस से ही सवाल पूछ रही हैं कि डॉक्टर साहब आखिर गए तो गए कहां और पुलिस इतना देर उन्हें ढूंढने में क्यों लगा रही है.
पूर्वी लेन में कैसे पहुंची गाड़ी?
हालांकि पुलिस तारे पलों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है. एसडीआरएफ की टीम ने भी गंगा नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन सवाल यह उठता है कि मुजफ्फरपुर कहकर निकलने वाले डॉक्टर साहब की गाड़ी पूर्वी लेन में कैसे पहुंची. जब डॉक्टर साहब ने अपनी पत्नी को यह बताया कि वह अपनी गाड़ी को एनएमसीएच में ही पार करके मुजफ्फरपुर जा रहा है, तो फिर गाड़ी गांधी सेतु पर कैसे पहुंची और जो व्यक्ति गाड़ी लेकर मुजफ्फरपुर जाएगा, उसकी गाड़ी पश्चिमी लेन पर होगी ना कि पूर्वी लेन पर लावारिस अवस्था में पाई जाएगी.
अब चाहे मामला अपहरण का हो या कुछ और लेकिन पुलिस की जांच जिस रफ्तार में चल रही है. उसने परिजनों को जरूर आशंकित कर दिया है. मामला चाहे जो भी हो लेकिन एक बात तो सत्य है कि डॉक्टर साहब लापता हैं और उनका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा.
HIGHLIGHTS
- 3 दिन से NMCH के डॉक्टर लापता
- आखिरी बार 1 मार्च को पत्नी से हुई थी बात
- एसडीआरएफ की टीम गंगा नदी में कर रही खोज
Source : News State Bihar Jharkhand