दोस्त कौन... विरोधी कौन का दर्द, नीतीश का BJP पर तंज

बैठक में पार्टी नेताओं का दर्द छलक उठा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि चुनाव के दौरान पता ही नहीं चला कि कौन दोस्त है और कौन विरोधी है.

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Nihar Saxena
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Nitish Kumar JDU Meeting

बिहार में जदयू की कार्याकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश कुमार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड (JDU) की बिहार राज्य कार्यकारिणी एवं राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन पार्टी नेताओं का दर्द छलक उठा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि चुनाव के दौरान पता ही नहीं चला कि कौन दोस्त है और कौन विरोधी है. राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार का यह बयान सहयोगी दल बीजेपी को लेकर दिया गया है, क्योंकि बैठक में चुनाव हारने वाले कई जेडीयू प्रत्याशियों ने इस बात का जिक्र किया कि उनकी हार लोक जनशक्ति पार्टी की वजह से नहीं बल्कि बीजेपी की वजह से हुई है.

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बीजेपी के दबाव में बने नीतीश सीएम
बैठक में नीतीश कुमार ने एकबार फिर कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी और भाजपा के दबाव की वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन दुश्मन है और कौन दोस्त. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजग में पांच महीने पहले ही सभी विषयों पर बात हो जानी चाहिए थी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में जिन जेडीयू नेताओं ने उन्हें चुनाव में मिली हार के लिए बीजेपी के रोल पर सवाल उठाया उनमें चंद्रिका राय, बोगो सिंह, जय कुमार सिंह, ललन पासवान, अरुण मांझी और आसमां परवीन शामिल हैं. इन नेताओं ने साफ कहा कि चुनाव में उनकी हार लोक जनशक्ति पार्टी की वजह से नहीं बल्कि बीजेपी की वजह से हुई है.

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हार का छलका दर्द
जिस वक्त जनता दल यूनाइटेड के नेता बीजेपी को लेकर आग उगल रहे थे, उस दौरान नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौन होकर सबकी बातें सुन रहे थे. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव से 5 महीने पहले ही एनडीए में सभी विषयों पर बात हो जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. नीतीश कुमार ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के बिहार में 45 लाख सदस्य हैं, मगर इसके बावजूद भी चुनाव के वक्त जमीनी स्तर तक पार्टी की बातें नहीं पहुंच पाई जिसकी वजह से पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. नीतीश ने इस बात को लेकर भी निराशा जताई कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बिहार के लिए जो काम किया है उसे वह जनता तक नहीं पहुंचा सके.

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सरकार के कार्यकाल को लेकर आश्वस्त
मुख्यमंत्री ने हालांकि यह भी कहा कि सरकार पांच साल चलेगी. उन्होंने कार्यकर्ताओं से समाज के हर तबके के बीच जाने की अपील करते हुए कहा कि हर वर्ग के लोगों के लिए काम करिए और लोगों के उत्थान में जुटिए. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले समय में हमलोग और मजबूत होकर उभरेंगे. इस बैठक में कई नेताओं ने लोजपा और भाजपा के गठबंधन के कारण हारने की बात का खुलासा किया. बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के अध्यक्ष आर सी पी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह एवं अन्य नेताओं के साथ शामिल हुए. बैठक में पार्टी पदाधिकारियों के अलावा चुनाव में पराजित हुए पार्टी प्रत्याशी भी मौजूद रहे.

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