बिहार में रोजगार को लेकर शुरू हुई नई बहस, युवाओं को मिलेगा इसका फायदा!
बेरोजगारी वाले बिहार में रोजगार को लेकर नई बहस शुरू हुई हो गई है. बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद लगातार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अलग-अलग विभागों में नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं.
highlights
- बिहार में रोजगार को लेकर शुरू हुई नई बहस
- तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी का किया था वादा
- केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए तत्पर
- युवाओं को मिलेगा इसका फायदा
Patna:
Bihar Politics On Employment: बेरोजगारी वाले बिहार में रोजगार को लेकर नई बहस शुरू हुई हो गई है. बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद लगातार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अलग-अलग विभागों में नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार का रोजगार मेला शुरू हो गया है. शुक्रवार को रोजगार मेला के तीसरे चरण के साथ ही बिहार के सियासत और ज्यादा गर्म हो गई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिछले चार महीनों में सरकार के अलग-अलग विभाग के लिए कभी कर्मचारियों को तो कभी पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र देते दिख रहे हैं.
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तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी का किया था वादा
दरअसल, सरकार में आने से पहले चुनाव के वक्त तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी का वायदा किया था. 10 अगस्त को जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो स्वतंत्रता दिवस के दिन गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने 20 लाख नौकरी देने का वादा कर दिया. अब वक्त इन वादों पर खड़ा उतरने का है, लेकिन इतनी जल्दी नियुक्तियां हो नहीं सकती. जिन नीतियों पर पिछले कुछ वर्षों से काम चल रहा था, उनमें तेजी लाई गई है और जल्दी-जल्दी परीक्षा, इंटरव्यू और नियुक्ति पत्र बांटने का दौर शुरू हुआ है.
इधर दीपावली के वर्क से केंद्र सरकार ने भी रोजगार में ना लगाना शुरू कर दिया और शुक्रवार को उसका तीसरा चरण था. पटना में इस रोजगार मेला में 400 से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र में बांटा गया. आज देशभर में 70 हजार से ज्यादा युवक-युवतियों को अलग-अलग विभागों के लिए नियुक्ति पत्र दिया गया है.
केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए तत्पर
पटना के रोजगार मेला में मौजूद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों की व्याख्या की. इसके साथ ही विपक्षियों को बताया कि किस तरीके से केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए तत्पर है. गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी जी के कार्यकाल में सी और डी ग्रुप में वाइवा हटाया गया, ताकि बिचौलियों का खेल खत्म हो. दूसरे राज्य में अभ्यर्थी जाते थे तो क्षेत्रवाद की बात होती थी, सब खत्म. 2014 के पहले लोग स्टार्टअप नहीं जानते थे, आज 10 हजार स्टार्टअप हुए. उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग 2 करोड़ के रोजगार पूछते हैं, उनको बताए कि 10 करोड़ रोजगार दिया गया. सब झूठ हो सकता है, epf नंबर झूठ नहीं हो सकता.
रोजगार तेजस्वी यादव के बुलंद आवाज का नतीजा
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राजद साफ तौर पर यह मान रही है कि जो कुछ भी रोजगार को लेकर केंद्र सरकार की तत्परता दिख रही है. यह दरअसल तेजस्वी यादव द्वारा रोजगार को लेकर किए गए बुलंद आवाज का नतीजा है. जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी रोजगार देने की शुरुआत कर दी गई है और अब बिहार की सरकार को देखकर ही केंद्र सरकार ने रोजगार मेला लगाना शुरू किया है.
केंद्र सरकार कर रही है सीएम नीतीश का अनुसरण
इधर जनता दल यूनाइटेड इस बात पर जोर दे रही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार के लिए जो कुछ किया है उसका अनुसरण केंद्र सरकार कर रही है. ऐसे भी बिहार के कई योजनाओं का अनुसरण पहले से केंद्र सरकार करती रही है अच्छी बात है इसी बहाने युवाओं को रोजगार तो मिल रहा है..
रोजगार को लेकर शुरू हुआ यह द्वंद राजनीतिक दलों को कितना फायदा पहुंचेगा, यह तो पता नहीं. मगर अच्छी बात यह है कि रोजगार देने की जल्दबाजी से देश के युवक-युवतियों का भला तो हो ही रहा है.
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