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छपरा शराबकांड: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच करने पहुंची, सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर बोला हमला

छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम शराबकांड की जांच कर रही है.

Updated on: 22 Dec 2022, 07:53 PM

highlights

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम शराबकांड की जांच कर रही
  • बीजेपी का आरोप- नीतीश सरकार छिपा रही मौत के आंकड़ें
  • तीसरी बार आयोग की टीम बिहार पहुंची

 

Chapra:

छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम शराबकांड की जांच कर रही है. विपक्षी दल बीजेपी का आरोप है कि सरकार मौत के आंकड़े को छिपा रही है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा शराबकांड की जांच करने पर सत्ताधारी दल लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. जांच के विरोध पर विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि यह पहला मौका नहीं है, जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम बिहार आई है, बल्कि इस साल में तीसरी बार आयोग की टीम बिहार पहुंची है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को सिर्फ इस बात का डर है कि जांच में कही सच्चाई सामने ना आ जाए. सम्राट चौधरी ने कहा है कि अगर राज्य की सरकार ठीक ढंग से काम कर रही होती तो मानवाधिकार आयोग की टीम को बिहार आने की जरूरत नहीं थी.

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम कोई पहली बार शराबकांड की जांच करने के लिए बिहार नहीं आई है, बल्कि 2022 में आयोग की टीम तीसरी बार बिहार आ चुकी है. बिहार के मुख्यमंत्री को तो आजकल कुछ याद भी नहीं रहता है. अगर बिहार के सीएम अज्ञानी हो गए हैं तो इसमें बीजेपी क्या कर सकती है. उन्होंने कहा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम का एक साल के भीतर यह तीसरा दौरा है. सम्राट ने बताया कि 1995 में लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री रहते हुए उनके घर को तोड़वा दिया था और जेल में डलवाने का काम किया था. उस वक्त उनके पिता शकुनी चौधरी, जॉर्ज फर्नांडिस और खुद नीतीश कुमार ने मानवाधिकार आयोग पहुंचकर इसकी शिकायत की थी.

इसके बाद मानवाधिकार आयोग की कमिटि पहुंची थी और बिहार सरकार को जुर्माना लगाया था. सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार शराबकांड में सिर्फ 38 लोगों की मौत की बात कह रही है. नीतीश कुमार को डर है कि कहीं मानवाधिकार आयोग की टीम जमीन खोदकर मरे हुए लोगों की गिनती न शुरू कर दें. छपरा की घटना राष्ट्रीय आपदा के समान है. नीतीश कुमार को डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें बताना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब पीने से अबतक कितने लोगों की मौत हुई है.

सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में जब एनडीए की सरकार थी ,तब भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम आती रहती थी. पूरे देश में कहीं भी सरकार घटनाओं की अनदेखी करेगी, वहां मानवाधिकार आयोग की टीम जरूर जाएगी. सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहें, उससे बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन भाजपा सिर्फ यही चाहती है कि बिहार में कानून का राज स्थापित हो और लोग चैन की जिंदगी जी सकें.