मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला : ब्रजेश ठाकुर ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी

सुनवाई अदालत ने मामले में ठाकुर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. उच्च न्यायालय इसी सप्ताह उसकी अपील पर सुनवाई कर सकता है.

author-image
yogesh bhadauriya
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक आश्रय गृह में कई लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. सुनवाई अदालत ने मामले में ठाकुर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. उच्च न्यायालय इसी सप्ताह उसकी अपील पर सुनवाई कर सकता है. अपील में उसने सुनवाई अदालत के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया है. सुनवाई अदालत ने 20 जनवरी को उसे मामले में दोषी ठहराया था और 11 फरवरी को उसे अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

Advertisment

यह भी पढ़ें- बिहार : न सिर्फ बाढ़ से लोगों को सांप-बिच्छू से भी होना पड़ रहा दो-चार, सहमे हुए हैं लोग

अदालत ने ठाकुर पर 32.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इस मामले में अदालत ने ठाकुर के अलावा अन्य अभियुक्तों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सुनवाई अदालत में ठाकुर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रमोद कुमार दुबे ने पुष्टि की कि ठाकुर की ओर से अपील दायर की गयी है. ठाकुर ने अपनी अपील में दलील दी है कि अदालत द्वारा "जल्दबाजी में" सुनवाई की गयी जो संविधान के तहत प्रदत्त स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के उसके अधिकार का उल्लंघन है.

Source : News Nation Bureau

brajesh thakur muzaffarpur shelter home
      
Advertisment