Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड स्थित चैनपुर गांव के रहने वाले डॉ. रामशंकर सिंह आज क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले डॉ. सिंह ने पढ़ाई के बाद अपने गांव लौटकर पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्धति को अपनाया. आज वे करीब 15 बीघा जमीन पर सीजनल फसलें उगाकर बेहतर आमदनी कर रहे हैं.
2007 में मिला था ‘किसान श्री’ सम्मान
डॉ. रामशंकर सिंह को साल 2007 में ‘किसान श्री’ सम्मान से नवाजा गया था. यह सम्मान उन्हें मड़वन प्रखंड से चुना गया था, जहां पहले लगभग 10 से 20 किसानों ने आवेदन किया था. प्रदर्शन और कृषि नवाचारों में उत्कृष्टता के आधार पर उनका चयन हुआ. इस सम्मान का उद्देश्य था कि हर प्रखंड से एक ऐसे किसान को चुना जाए जो आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर बाकी किसानों के लिए मिसाल बने.
सरकारी योजना का उठाया लाभ
इन दिनों डॉ. सिंह ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपने खेत में नेट शेड हाउस का निर्माण कराया है. यह प्रोजेक्ट कुल 18 लाख रुपये का होता है, जिसमें सरकार 75 प्रतिशत यानी लगभग 13.5 लाख रुपये की सब्सिडी देती है. शेष 25 प्रतिशत राशि किसान को स्वयं वहन करनी होती है. इसी योजना के तहत डॉ. सिंह ने शेड हाउस बनवाया, जहां फिलहाल खीरे की खेती कर रहे हैं.
डॉ. सिंह बताते हैं कि नेट शेड हाउस में खेती करने से फसल पर मौसम का विपरीत असर नहीं होता और उत्पादन की गुणवत्ता भी बेहतर रहती है. इससे बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है. वे चाहते हैं कि गांव के और किसान भी आधुनिक तकनीक अपनाएं ताकि खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाया जा सके.
1 लाख का फायदा
किसान डॉ सिंह ने मीडिया को आगे बताया कि उन्होंने शेड नेट के अंदर खीरा लगाया है, जबकि इस समय बाजारों में खीरे की आपूर्ति हो रही है. जैसे ही बाजार से खीरा खत्म होगा, शेड में तैयार खीरे की फसल बाजार में पहुंचेगी, जिससे अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है. इस बार उन्होंने खेती में 25 हजार रुपए का निवेश किया है और अनुमान है कि इससे कम से कम चार गुना मुनाफा यानी करीब 1 लाख रुपए की आमदनी होगी. शेड नेट के अंदर उगाई गई फसलें उच्च गुणवत्ता की होती हैं, इसलिए बाजार में इनकी मांग भी ज्यादा रहती है.
किसानों को मिल रही नई दिशा
किसान ने कुल 13 कट्ठा जमीन पर शेड नेट का निर्माण करवाया है और इसमें वैज्ञानिक तरीकों से खेती की जा रही है. सिंचाई के लिए डीप एरिगेशन और फोलियो सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पानी की बचत भी होती है और पौधों को जरूरी पोषक तत्व भी समय पर मिलते हैं. बता दें कि डॉ. सिंह की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं का उपयोग किया जाए तो खेती भी एक उन्नत और लाभकारी पेशा बन सकता है. उनकी सफलता ना केवल चैनपुर गांव बल्कि पूरे मड़वन प्रखंड के किसानों को नई दिशा दिखा रही है.
यह भी पढ़ें: Bihar News: शादी समारोह में हर्ष फायरिंग के दौरान डांसर की मौत, गांव में मचा हड़कंप
यह भी पढ़ें: Muzaffarpur News: पेट्रोल-डीजल चालित ऑटो चालकों में रोष, जमकर किया प्रदर्शन