Hamar Bihar Conclave: 'मोदी-नीतीश का विकास मॉडल ही बिहार का भविष्य', कॉन्क्लेव में बोले सम्राट चौधरी

Hamar Bihar Conclave: सम्राट चौधरी ने दावा किया कि वह 30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और अनुभव के साथ जनता के बीच जाते हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Hamar Bihar Conclave: सम्राट चौधरी ने दावा किया कि वह 30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और अनुभव के साथ जनता के बीच जाते हैं.

Hamar Bihar Conclave: सम्राट चौधरी का न्यूज नेशन के साथ यह इंटरव्यू पूरी तरह बिहार की सियासत और आने वाले चुनावी माहौल पर केंद्रित रहा. उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव, विपक्षी दलों की रणनीति, नीतीश कुमार के साथ गठबंधन की मजबूती, और राज्य के विकास मॉडल पर विस्तार से अपनी बात रखी.

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30 वर्षों से हैं राजनीति में सक्रिय

सम्राट चौधरी ने दावा किया कि वह 30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और नौसिखियों की तरह नहीं, बल्कि अनुभव के साथ जनता के बीच जाते हैं. उन्होंने सीधे तौर पर प्रशांत किशोर और विपक्षी नेताओं पर हमला बोला और कहा कि बिहार को नौसिखियों की राजनीति से नहीं, बल्कि परिपक्व राजनीति से दिशा मिली है.

उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार के कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2008 के बाद से सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का सपना जमीन पर उतरा. चौधरी के मुताबिक, भाजपा ने मंडल कमीशन का समर्थन किया था, जबकि कांग्रेस ने इसका विरोध किया. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस को "राजतंत्र" का प्रतिनिधि बताते हुए निशाने पर लिया और लालू यादव पर भी तीखे कटाक्ष किए.

ये है सम्राट चौधरी का बैकग्राउंड

बिहार की सियासत में अपनी अलग पहचान बना चुके सम्राट चौधरी का सक्रिय राजनीति में आगमन 1990 में हुआ. 1995 में एक राजनीतिक मामले के चलते उन्हें 89 दिनों तक जेल में रहना पड़ा, जिससे उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत संघर्षों से हुई. इसके बाद उनकी सियासी पारी में राष्ट्रीय जनता दल का अहम रोल रहा. राजनीतिक पहचान आरजेडी सहायक बनी. 1999 में वे राबड़ी देवी सरकार में कृषि मंत्री भी बने. हालांकि, कम उम्र के चलते उन्हें अयोग्य ठहराया गया, जिससे विवाद भी पैदा हुआ.

इसके बाद 2000 और 2010 में उन्होंने परबत्ता विधानसभा सीट से जीत हासिल की और 2010 में बिहार विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक बने. इसके बाद साल 2014 में सम्राट चौधरी जीतन राम मांझी सरकार में शहरी विकास मंत्री के पद पर काबिज हुए. उन्होंने 2018 में राजद छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा. बीजेपी में शामिल होते ही उनका कद लगातार बढ़ता गया. उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया और जल्द ही वे पार्टी के प्रमुख चेहरों में गिने जाने लगे.

प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी

इसके बाद 2022 में सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया. यह उनके राजनीतिक कद और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है, जिससे वे राज्य में बीजेपी की मजबूत आवाज बनकर उभरे हैं. मौजूदा समय में वह बिहार सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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