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मांझी ने पीएम से की अपील, सौंप दें कश्मीर, 15 दिनों में नहीं सुधारा तो फिर कहिएगा

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकियों द्वारा बिहार के मजदूरों पर निशाना बनाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी व्यक्त की है. मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से एक बड़ी मांग की है.

Updated on: 18 Oct 2021, 03:03 PM

highlights

  • मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से किया आग्रह
  • यदि कश्मीर में हालात में बदलाव नहीं हो पा रहे हैं तो सौंप दें कश्मीर
  • कहा-लगातार निहत्थे बिहारी भाईयों की हत्या किए जाने से उनका मन व्यथित

पटना:

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकियों द्वारा बिहार के मजदूरों पर निशाना बनाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी व्यक्त की है. कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से मजदूरों की हत्या को लेकर मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से एक बड़ी मांग करते हुए आग्रह किया है कि यदि कश्मीर में हालात में बदलाव नहीं हो पा रहे हैं तो वहां सुधारने की जिम्मेदारी हम बिहारियों पर छोड़ दीजिए. उन्होंने कहा कि यदि 15 दिनों के अंदर कश्मीर को सुधार नहीं दिया तो कहिएगा. उन्होंने कहा है कि कश्मीर में लगातार हमारे निहत्थे बिहारी भाईयों की हत्या की जा रहीं है जिससे उनका मन व्यथित है.

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पूरे जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है. जिनमें पिछले कुछ दिनों में चाह बिहारी मजदूरों की हत्या कर दी गई. जिसके बाद से ही कश्मीर में बिहारियों की सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम करने की मांग की जा रही है. हालांकि इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि कश्मीर में प्रवासी मजदूरों के बारे में पुलिस की एक एडवाइजरी जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह पूरी तरह फेक है. इससे पहले सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही थी कि कश्मीर के सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को जिला पुलिस अधिकारियों द्वारा तुरंत निकटतम सेना या पुलिस शिविरों में स्थानांतरित किया जाना था.

पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई
श्रीनगर और पुलवामा में दो गैर-स्थानीय लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद पूरे कश्मीर में भारी सुरक्षा व्यव्स्था कड़ी कर दी गई है. चप्पे-चप्पे सेना जवान गश्त करते नजर आ रहे हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि “पूरे कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. बैरिकेड्स, चौकियों को लगाया गया है. अधिकारी ने कहा, "कश्मीर के लगभग सभी हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी दी गई है. टीआरसी क्रॉसिंग, लाल चौक, जहांगीर चौक, एम ए रोड, बेमिना, परिमपोरा, बाइपास पर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें वाहनों और यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच करते दिखे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां कहा, पूरे कश्मीर में सुरक्षा बलों या नागरिकों पर किसी भी हमले को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों की किसी भी योजना को विफल करने के लिए एक सक्रिय रणनीति के तहत उग्रवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है.

कश्मीर की स्थिति की निगरानी कर रहा केंद्र

कश्मीर घाटी में प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बीच सीआरपीएफ, एनआईए और भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी सभी खुफिया सूचनाओं की निगरानी के लिए इस क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सीआरपीएफ के डीजी और एनआईए के डीजी कुलदीप सिंह फिलहाल कश्मीर घाटी में तैनात हैं. साथ ही, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), भारतीय सेना और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी निगरानी के लिए वहां डेरा डाले हुए हैं.  सूत्रों ने कहा है कि कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाना जारी हताशा" का संकेत है. सूत्रों ने यह भी कहा है कि गृह मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. अभी तक आतंकी संगठनों ने कश्मीर घाटी के राज्यों के प्रवासी मजदूरों, बाहरी लोगों या पर्यटकों को कभी निशाना नहीं बनाया था. हालांकि, पिछले हफ्तों में नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 11 लोगों की जान चली गई है. 

पिछले नौ दिनों में 13 आतंकी ढेर

इसके अलावा, पिछले नौ दिनों में तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों द्वारा 13 आतंकवादी मारे गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अब तक 'ऑपरेशन ऑल आउट' में सुरक्षाबलों ने 132 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है. अब तक 254 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में रविवार को आतंकवादियों ने बिहार के दो श्रमिकों की उनके आवास में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी और एक अन्य को घायल कर दिया था.