खास है बिहार के इस मंदिर का इतिहास, महाशिवरात्रि पर यहां पूजा करने से मिलेगा विशेष फल

सुंदरनाथ धाम की पवित्रता और सुंदरता के आगे भारत और नेपाल के वंशज भी नतमस्तक हैं. ये मंदिर न सिर्फ भारत और नेपाल की सांस्कृतिक एकता को जोड़ता है बल्कि दोनों देशों के दिलों को भी जोड़ता है.

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Ritu Sharma
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Araria Historic Sundar Nath Dham

सुंदरनाथ धाम मंदिर( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)

Maha Shivratri 2024: कल यानी 8 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार है. इस शुभ दिन पर आइए आपको बताते हैं बिहार के एक ऐतिहासिक मंदिर के बारे में जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा. दरअसल, देश में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, लेकिन बिहार में स्थापित सुंदरनाथ धाम की पवित्रता और सुंदरता के आगे भारत और नेपाल के वंशज भी नतमस्तक हैं. ये मंदिर न सिर्फ भारत और नेपाल की सांस्कृतिक एकता को जोड़ता है बल्कि दोनों देशों के दिलों को भी जोड़ता है. फिलहाल, मंदिर परिसर की चहारदीवारी पर बनी मधुबनी पेंटिंग हर किसी को आकर्षित कर रही है. इस मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का मानना है कि, 'द्वापर युग से ही यह मंदिर आस्था का केंद्र रहा है. यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.' 

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आपको बता दें कि सुंदरनाथ धाम का इतिहास काफी प्राचीन और गौरवशाली है. मंदिर परिसर में करीब दो एकड़ में फैला शिवगंगा तालाब सुंदरनाथ मठ की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है. इसके समीप पूर्वी भाग में माता पार्वती का मंदिर मन को शांति प्रदान करता है. वहीं, मंदिर के सामने पुराना पीपल का पेड़ शायद फूस के घर में भव्य मंदिर के निर्माण की गवाही दे रहा है. पेड़ के नीचे बैठे नंदी महाराज भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साक्षी बने हुए हैं. बता दें कि सावन और शिवरात्रि के मौके पर न केवल अररिया जिले से बल्कि पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा सहरसा समेत पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं.

महाशिवरात्रि पर निकलेगी शिव की बारात

आपको बता दें कि महाशिवरात्रि की तैयारियों को लेकर मीडिया से बात करते हुए मंदिर न्यास समिति के कोषाध्यक्ष प्रणव कुमार गुप्ता और सक्रिय सदस्य हेराम सिंह ने कहा कि, ''महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा की बरात निकाली जाएगी. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ड्रोन कैमरे से मंदिर की निगरानी की जा रही हैं. श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधा बहाल की गई है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस और एसएसबी बलों को तैनात किया गया है. सीसीटीवी से हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है.''

माता कुंती ने की थी यहां शिवलिंग की स्थापना

आपको बता दें कि द्वापर युग में वनवास के दौरान भगवान श्री कृष्ण के आदेश पर पांडवों और उनकी माता रानी कुंती ने इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी और पूजा की थी. इस पूजा के लिए भीम ने ऐरावत हाथी पर 108 कमल के फूल लेकर आए थे. वहीं मंदिर निर्माण के दौरान खुदाई में प्राचीन काले पत्थर का शिवलिंग, बसहा, त्रिशूल, शिलापट्ट आदि मिले थे. बता दें कि राजा के शासनकाल के दौरान यह मंदिर बनैली राजा बहादुर कृत्यानंद सिंह के अधीन था. राजा जब भी यहां शिकार के लिए आते थे तो शिवलिंग पर सवा मन दूध चढ़ाने के बाद ही शिकार के लिए निकलते थे.

PM मोदी कर चुके हैं सुंदरनाथ धाम की बात

आपको बता दें कि साल 2020 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फारबिसगंज हवाई अड्डे पर अपने संबोधन में सुंदरनाथ धाम मंदिर की चर्चा की थी. इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद महाशिव रात्रि के मौके पर सुंदरनाथ मंदिर आये हैं. हर साल सावन माह और महाशिव रात्रि के अवसर पर भारत और नेपाल से लाखों शिवभक्त जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.

HIGHLIGHTS

  • बिहार के इस मंदिर का इतिहास है खास
  • यहां माता कुंती ने कि थी शिवलिंग की स्थापना
  • PM मोदी कर चुके हैं सुंदरनाथ धाम की बात

Source : News State Bihar Jharkhand

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