मजिस्ट्रेट ने छात्रों को 6 घंटे तक शौचालय में बनाया बंधक, जाने आखिर क्या है वजह

अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान 4 छात्रों को 6 घंटे तक शौचालय में बंधक बनाकर रखा गया. पहले तो छात्र को फर्जी बताया गया और परीक्षा से वंचित कर दिया गया. सभी छात्र अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाते रहे लेकिन किसी ने भी उनकी एक ना सुनी.

अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान 4 छात्रों को 6 घंटे तक शौचालय में बंधक बनाकर रखा गया. पहले तो छात्र को फर्जी बताया गया और परीक्षा से वंचित कर दिया गया. सभी छात्र अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाते रहे लेकिन किसी ने भी उनकी एक ना सुनी.

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Rashmi Rani
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पीड़ित छात्र ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान 4 छात्रों को 6 घंटे तक शौचालय में बंधक बनाकर रखा गया. पहले तो छात्र को फर्जी बताया गया और परीक्षा से वंचित कर दिया गया. सभी छात्र अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाते रहे लेकिन किसी ने भी उनकी एक ना सुनी और घंटों सभी को शौचालय में बंधक बनाकर रखा. मजिस्ट्रेट की मनमानी के कारण छात्रों का भविष्य ही ख़राब हो गया जो आए तो थे परीक्षा देने लेकिन मजिस्ट्रेट के कारण ना केवल उन्हें बंदी बनाया गया बल्कि उन पर झूठे आरोप भी लगाए गए. 

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छात्रों को शौचालय में किया गया बंद 

घटना करपी प्रखंड के इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय करपी परीक्षा केंद्र की है. जहां परीक्षा के पहले दिन दूसरी पाली में 4 छात्रों को शौचालय में 6 घंटे तक बंधक बनाया गया. दरअसल विद्यालय में तैनात मजिस्ट्रेट के द्वारा छात्रों की जांच की जा रही थी. इसी दौरान मजिस्ट्रेट ने 4 छात्रों को स्कॉलर बताकर उन्हें परीक्षा हॉल से बाहर निकाल दिया और फिर शौचालय में बंद कर दिया. छात्रों ने अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाया लेकिन मजिस्ट्रेट ने उनकी एक ना सुनी और शाम 7 बजे तक शौचालय में ही बंद रखा. परीक्षा समाप्त होते ही छात्रों के परिजन उन्हें ढूंढने लगे काफी देर बाद जब वो सभी बाहर निकले तो छात्रों ने पूरी घटना की आपबीती सुनाई जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया.

छात्रों को मानसिक रूप से किया गया प्रताड़ित 

मजिस्ट्रेट की मनमानी के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. छात्रों ने बताया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया कई बार एडमिट कार्ड और आधार कार्ड दिखाते रहे, लेकिन उन्हें परीक्षा हॉल से बाहर कर दिया गया. दरअसल परीक्षा देने के लिए छात्र करपी हाईस्कूल परीक्षा केंद्र पर पहुंचे  थे. परीक्षा शुरू होने से पहले उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश कराया गया और आधे घंटे तक छात्रों ने परीक्षा भी दी, लेकिन कुछ देर बाद मजिस्ट्रेट जांच करने पहुंचे जांच के दौरान एक शिक्षक उनके साथ मौजूद थे. जिन्होंने कहा कि छात्र फर्जी हैं, जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने छात्रों को उठाया और शौचालय में बंद कर दिया.

छात्र चीखते चिल्लाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं की मदद 

शौचालय के अंदर से छात्र चीखते चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन सुबह करपी थाना पहुंचे और मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई लेकिन थाना अध्यक्ष ने परिजनों को डीएम से मिलने की बात कही जिसके बाद परिजन छात्रों को लेकर डीएम से मिलने समाहरणालय पहुंचे. हालांकि डीएम से परिजनों की मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन परिजनों ने स्थापना शाखा में आवेदन दिया है.

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मजिस्ट्रेट की मनमानी के कारण 4 छात्र नहीं दे पाए परीक्षा  

मजिस्ट्रेट के द्वारा मैट्रिक परीक्षा में मनमानी से 4 मासूम बच्चे 6 घंटे तक शौचालय में चीखते - चिल्लाते रहे अपनी भविष्य की गुहार लगाते रहे लेकिन छात्रों की पीड़ा ना तो सेंटर में तैनात केंद्र अधीक्षक समझ पाए और ना ही मजिस्ट्रेट इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बच्चों को शाम 7:00 बजे शौचालय का दरवाजा खोलकर बाहर निकाला गया होगा तो उनकी स्थिति कैसी होगी. ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि मजिस्ट्रेट को किसने अधिकार दिया कि छात्रों को शौचालय में बंधक बनाकर रखें. 

रिपोर्ट - सुनील कुमार 

HIGHLIGHTS

  • मैट्रिक परीक्षा के दौरान छात्रों को शौचालय में बनाया गया बंधक 
  • छात्रों को फर्जी बताकर परीक्षा से किया गया वंचित 
  • 4 मासूम बच्चे 6 घंटे तक शौचालय में चीखते - चिल्लाते रहे

Source : News State Bihar Jharkhand

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