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लॉकडाउन में बदली बिहार की इस लड़की की किस्मत, इवांका ट्रंप ने भी की तारीफ, अब मिला यह बड़ा मौका

लॉकडाउन के बीच बिहार के दरभंगा की रहने वाली 15 साल की एक लड़की ज्योति कुमारी की किस्मत ही बदल गई है.

Updated on: 23 May 2020, 11:44 AM

नई दिल्ली/पटना:

लॉकडाउन के बीच बिहार के दरभंगा की रहने वाली 15 साल की एक लड़की ज्योति कुमारी की किस्मत ही बदल गई है. कोरोना काल में सोशल मीडिया पर 15 साल की ज्योति कुमारी ने लोगों का ध्यान इस कदर खींचा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने उसकी तारीफ की है. इतना ही नहीं, ज्योति ने भारतीय साइकिलिंग महासंघ (सीएफआई) का भी ध्यान अपनी तरफ खींचा है. इस लड़की को ट्रायल के लिए बुलाया गया है ताकि वो आईजीआई स्टेडियम में राष्ट्रीय साइकिलिंग अकादमी में ट्रेनिंग कर सके.

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दरअसल, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों के हौसले की एक कहानी बिहार से सामने आई जब हरियाणा के गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल पर बैठा 15 साल की एक लड़की बिहार के दरभंगा पहुंच गई. दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखण्ड के सिरहुल्ली गांव निवासी मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे, पर इसी बीच वे दुर्घटना के शिकार हो गए. दुर्घटना के बाद अपने पिता की देखभाल के लिए 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गई थी. इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी बंदी हो गई. आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति के साईकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी.

बेटी की जिद पर उसके पिता ने कुछ रुपये कर्ज लेकर एक पुरानी साइकिल साईकिल खरीदी. ज्योति अपने पिता को उस साइकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाए आठ दिनों की लंबी और कष्टदायी यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची है. गांव से कुछ दूरी पर अपने पिता के साथ एक पृथक-वास केंद्र में रह रही ज्योति अब अपने पिता के हरियाणा वापस नहीं जाने को कृतसंकल्पित है. इस समय प्रवासी मजदूरों की लॉकडाउन के कारण घर वापसी की कई खबरें देखी जा सकती हैं. इसी तरह ज्योति कुमारी की इस खबर ने भारतीय साइकिलिंग महासंघ (सीएफआई) का ध्यान अपनी तरफ खींचा. अब ज्योति को ट्रायल के लिए बुलाया गया है, ताकि वो आईजीआई स्टेडियम में राष्ट्रीय साइकिलिंग अकादमी में ट्रेनिंग कर सके.

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सीएफआई चेयरमैन ओंकार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि हमने उनसे कल बात की, हम उन्हें जल्द से जल्द बुलाने के बारे में सोच रहे हैं. वह तैयार हैं लेकिन अभी तो वह क्वारंटाइन में हैं. ओंकार सिंह ने कहा कि सीएफआई के लिए कुछ नई बात नहीं है, हम उन्हें अपने सिस्टम में लाना चाहते हैं और उन्हें देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम उन्हें ट्रायल्स के लिए बुलाना चाहते हैं। जहां कं प्यूटराइज्ड बाइक पर उनका टेस्ट होगा. यहां किसी भी साइकलिस्ट का इसी तरह टेस्ट किया जाता है। यह सही तरह से बताता है कि खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन कर सकता है.

वहीं इस पर ज्योति का कहना है कि मुझे साइकिल में रेस लगाने के लिए फोन आया, मैंने कहा कि मैं अभी तो रेस नहीं लगा सकती हूं क्योंकि मेरे पैर और हाथ सब दर्द कर रहे हैं. उन्होंने एक महीने बाद ट्रायल के लिए आने को कहा है.

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इससे पहले उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर इस बहादुर लड़की को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया था. ज्योति अब इन पैसों से आगे की पढ़ाई करने की बात कह रही है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की निकल पड़ी है अपने घायल पिता को लेकर सैकड़ों मील के सफर पर. दिल्ली से दरभंगा. आज देश की हर नारी और हम सब उसके साथ हैं. हम उसके साहस का अभिनंदन करते हुए उस तक 1 लाख रुपये की मदद पहुंचाएंगे.'

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए तारीफ की. इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, '15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची. धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है.'

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