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Bihar News: तीन साल बाद भी नहीं बहाल हो पाई लंबी दूरी की ट्रेन, आक्रोशित लोगों ने दिया धरना

सुपौल में आज सामाजिक संगठनों के द्वारा एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन को लेकर धरना दिया गया है. लोगों का कहना है कि 3 साल से भी अधिक समय हो चुका है.

Updated on: 26 Oct 2023, 01:32 PM

highlights

  • सामाजिक संगठनों के द्वारा दिया गया धरना
  • 3 साल पहले बहाल हुई थी ब्रॉड गेज सेवा
  • सामाजिक संगठनों ने रेलवे को 15 दिनों का दिया समय 
  • विचार नहीं किया गया तो चरणबद्ध तरिके से किया जाएगा आंदोलन - सामाजिक संगठन

Supaul:

सुपौल में आज सामाजिक संगठनों के द्वारा एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन को लेकर धरना दिया गया है. लोगों का कहना है कि 3 साल से भी अधिक समय हो चुका है. जब ब्रॉड गेज सेवा को बहाल की गई थी. लोगों को ये उम्मीद थी कि इसके बहाल होने से काफी सुविधा मिलेगी. एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. रेलवे प्रशासन कुंभकर्ण की नींद में सोया हुआ है. जिसे देखते हुए हमने आंदोलन शुरू किया है. अगर 15 दिनों के अंदर सुनवाई नहीं हुई तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. 

3 साल पहले बहाल हुई थी सेवा 

दरअसल, सुपौल में रेलवे की ओर से ब्रॉड गेज सेवा को बहाल किए 3 साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है. बावजूद अब तक एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका है. इसको लेकर आज सुपौल के 30 अलग अलग सामाजिक संगठनों की ओर से महाधरना का आयोजन किया गया. इससे पूर्व सुपौल शहर के गांधी मैदान से जुलूस निकाली गई. जो बाजार भ्रमण करते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा और धरने में तब्दील हो गया. धरना कार्यक्रम का आयोजन सुपौल व्यापार संघ के नेतृत्व में हुआ. जहां व्यापार संघ के अध्यक्ष अमर कुमार चौधरी ने कहा कि फरवरी महीने में ही सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड का सीआरएस निरीक्षण किया गया, लेकिन इसके बावजूद अब तक लंबी दूरी की ट्रेन बहाल नहीं की गई. 

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रेलवे को 15 दिनों का दिया गया समय 

उन्होंने कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर रेलवे द्वारा मांगों पर विचार नहीं किया गया तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. वहीं, धरना प्रदर्शन को सुपौल नगर परिषद के सभी पार्षदों ने भी समर्थन दिया. नगर परिषद के चेयरमैन राघवेंद्र झा राघव ने बताया कि यह पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक कार्यक्रम है. लिहाजा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी पार्षद सहित आम लोग भी धरने में शामिल हुए हैं. इधर, धरना के दौरान मौके पर विधि व्यवस्था के मद्देनजर जीआरपी और आरपीएफ के जवान भी तैनात दिखे.

रिपोर्ट - केशव कुमार