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पैकेज से बिहार के स्थानीय उत्पादों को मिल पाएगा अंतर्राष्ट्रीय बाजार, सुशील मोदी ने दिया बयान

20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने इससे कृषि क्षेत्र को काफी लाभ मिलेगा.

Updated on: 16 May 2020, 11:09 AM

पटना:

20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने इससे कृषि क्षेत्र को काफी लाभ मिलेगा. बिहार के 1.61 करोड़ किसानों-पशुपालकों, 40 लाख मछुआरों में नई उम्मीद की किरण जगी है. उन्होंने कहा कि शहद उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर बिहार (Bihar) है और अब मधुमक्खी पालक इसे प्रोत्साहित होंगे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मखाना उत्पादन में बिहार पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है, ऐसे स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बिहार में जो ऐसे लोकल उत्पाद हैं उनको इससे एक अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिल पाएगा.

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सुशील मोदी ने कहा, 'कोरोना संकट से कृषि प्रक्षेत्र को उबारने के बाद शुक्रवार को उसके सहयोगी प्रक्षेत्रों के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत गई एक लाख करोड़ की घोषणा से बिहार में भी आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ शहद, सब्जी, मछली, दूध, उत्पादन, स्थानीय उपज और औषधीय खेती को बढ़ावा देने व पशुओं के शत प्रतिशत टीकाकरण अभियान को सफलता मिलेगी.'

उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ से माइको फूड इंटरप्राइजेज को बढ़ा देने की घोषणा से पूरे विश्व का 80 फीसदी मखाना उत्पादन करके पहले स्थान पर रहने वाले बिहार को विशेष लाभ होगा. बिहार के स्थानीय उपज के तौर पर मखाना के साथ कतरनी चावल, मिर्चा के चूड़ा आदि के उत्पादन व मार्केटिंग को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मोदी ने कहा, 'औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए घोषित 4 हजार करोड़ से गंगा किनारे के 800 हेक्टेयर में खेती का लाभ बिहार को मिलेगा. 20 हजार करोड़ के मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली उत्पादन और गव्य व पशुचारा के आधारभूत संरचना के विकास के लिए घोषित 15 हजार करोड़ के प्रावधान का लाभ भी बिहार को मिलेगा.'

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इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने गरीबों, मजदूरों और प्रवासियों की मदद करने में पूरी ताकत झोंक दी है. 162 राहत केंद्रों पर 75 हजार लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए 999 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी. बिहार में 389 श्रमिक स्पेशल से 5 लाख तक लोग आएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए उदारदतापूर्वक अनुमति दी.

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