बिहार: पशुपति पारस का पलटवार- LJP की इस दुर्गत के लिए चिराग जिम्मेदार
लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) में टूट को लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके चाचा व पार्टी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati K Paras) ने पलटवार किया है
highlights
- चिराग पासवान की PC के बाद पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने किया पलटवार
- एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान राजी नहीं हुए
- चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया
पटना:
लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) में टूट को लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके चाचा व पार्टी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati K Paras) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह (चिराग पासवान) इसके लिए राजी नहीं हुए। यही वजह है कि लोजपा खत्म होने की कगार पर है. पारस ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि आप चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया. जबकि उनके पास ऐस करने की पॉवर भी नहीं है. हमने मेरी देखरेख में बिहार का चुनाव लड़ा और सभी 6 सांसद जीते. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हमें सबसे ज्यादा वोट मिले.
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चुनाव में हमें लोगों का अपार समर्थन मिला
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में बिखराव के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बुधवार को मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा. चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, इसलिए वह लोगों से रूबरू नहीं हो पाए. लेकिन उनकी बीमारी की आड़ में सारा प्रपंच रचा गया. उन्होंने कहा कि यह 8 अक्टूबर को उनके पिता यानी रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का निधन हुआ और उसके तुरंत बाद बिहार में विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Election ) आ गए. वो एक कठिन समय था, लेकिन चुनाव में हमें लोगों का अपार समर्थन मिला. हमें 25 लाख से अधिक लोगों ने वोट किया. उन्होंने कहा कि हम जेडीयू ( JDU ) के कारण गठबंधन से अलग हुए थे और अकेले चुनाव लडऩे का फैसला किया था.
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मैं जेडीयू और नीतीश कुमार की नीतियों में भरोसा नहीं करता
चिराग पासवान ने आगे कहा कि मैं जेडीयू और नीतीश कुमार की नीतियों में भरोसा नहीं करता था, इसलिए उनके सामने नतमस्तक न होने का फैसला लिया. क्योंकि पार्टी में कुछ लोग संघर्ष नहीं करना चाहते, इसलिए उन्होंने दूसरा रास्ता चुना. हमें अपनों का भी साथ नहीं मिला. यहां तक कि चाचा पशुपति पारस ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई. चिराग ने कहा कि जब मैं टायफाइ बुखार हुआ था और मैं लगभग चालीस दिनों तक बाहर नहीं आ पाया तो मौके का फायदा उठाकर मेरे पीठ पीछे मेरे खिलाफ साजिश रची गई. उन्होंने कहा कि इस बार होली पर मेरे पिता मेरे साथ नहीं थे तो परिवार कोई व्यक्ति भी मेरे साथ नहीं आया. जिसको लेकर मैंने चाचा पशुपति पारस को एक चिट्ठी भी लिखी.
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