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लोजपा नहीं चाहती बिहार में समय पर हों चुनाव, इलेक्शन कमीशन को पत्र लिख की यह मांग

भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में नहीं कराने की मांग की है

Updated on: 01 Aug 2020, 08:57 AM

दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में नहीं कराने की मांग की है और कहा है कि महामारी के हालात में चुनाव कराना जानबूझकर लोगों को मौत की तरफ धकेलने के समान होगा. लोजपा (LJP) ने कहा कि इस समय संसाधनों का इस्तेमाल कोविड-19 संकट से निपटने में तथा राज्य में बाढ़ से निपटने में होना चाहिए, न कि चुनाव कराने में. पार्टी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी पहले ही खतरनाक स्वरूप ले चुकी है और जानकारों का मानना है कि अक्टूबर-नवंबर में यह और खतरनाक स्तर पर हो सकती है, इसलिए इस समय प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की होनी चाहिए, न कि चुनाव कराने की.

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चुनाव कराने के संबंध में लोजपा का रुख राजग में भाजपा की अन्य सहयोगी पार्टी जदयू के विपरीत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू ने समय पर चुनाव कराने की वकालत की है और इसकी तैयारियों के सिलसिले में पार्टी संगठन स्तर पर बैठकें भी कर रही है. भाजपा का कहना है कि चुनाव की तारीखों पर कोई भी फैसला चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है, वहीं बिहार में मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर चुनाव टालने की मांग कर चुका है. आयोग ने चुनाव कराने पर सभी दलों के विचार पूछे हैं.

लोजपा ने कहा कि चुनाव कराने के लिए एक बड़ी आबादी की जान को खतरे में डालना पूरी तरह अनुचित है. पार्टी ने कहा कि देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण से 35 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 280 मामले बिहार के हैं. पार्टी ने चुनाव आयोग से कहा, 'ऐसे हालात में चुनाव कराना जानबूझकर लोगों को मौत की ओर धकेलने के समान होगा.' पार्टी ने कहा है कि बिहार का बड़ा हिस्सा बाढ़ से भी बुरी तरह त्रस्त है. लोजपा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मानक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराना बहुत कठिन होगा.

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लोजपा ने कहा कि बिहार में आठ करोड़ से अधिक मतदाता हैं और इतनी बड़ी आबादी के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए प्रचार और मतदान करना लगभग असंभव होगा. पार्टी ने कहा कि चुनाव प्रचार लंबी प्रक्रिया है जिसमें उम्मीदवार कई दिन तक प्रचार करते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय यह जनसंपर्क अभियान खतरनाक होगा. लोजपा महासचिव अब्दुल खालिक द्वारा लिखे गये पत्र में पार्टी ने कहा कि जब हालात सुधर जाएं, तभी चुनाव कराने चाहिए.